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आतिशबाजी ने घोंटा दम, देश भर में हवा हुई जहरीली

दिवाली में चलाए गए पटाखों से देश के विभिन्न भागों का प्रदूषण स्तर बढ़ गया है। हाल यह है कि पटाखों से निकले खतरनाक धुएं के कारण हवा में मान्य स्तर से पांच से छह गुणा ज्यादा जहर घुल गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2015 01:26 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2015 01:37 AM (IST)

नई दिल्ली। दिवाली में चलाए गए पटाखों से देश के विभिन्न भागों का प्रदूषण स्तर बढ़ गया है। हाल यह है कि पटाखों से निकले खतरनाक धुएं के कारण हवा में मान्य स्तर से पांच से छह गुणा ज्यादा जहर घुल गया है।

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले साल के मुकाबले प्रदूषण में वृद्धि का स्तर कम रहा। तेज हवा ने दिल्ली का साथ दिया, लेकिन पटाखों से हवा जहरीली होने नहीं बची। गुरुवार सुबह आसमान में वायु प्रदूषण की गवाही धूलकणों की हल्की चादर दे रही थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के मुताबिक, मुजफ्फरपुर, लखनऊ, फरीदाबाद, कानपुर और आगरा जैसे शहरों में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 बढ़ गया है। इन शहरों में यह 200 और 500 के बीच झूल रहा है। लखनऊ और मुजफ्फरपुर में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर', जबकि आगरा, कानपुर, पुणे, पटना और फरीदाबाद में 'अत्यंत खराब' मानी गई है। हैदराबाद और महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भी हवा की गुणवत्ता 'दयनीय' रिकार्ड की गई है।

क्या पड़ेगा प्रभाव : वायु की गुणवत्ता चिंताजनक होने से लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। जो बीमार हैं उनपर गंभीर प्रभाव पडऩे की आशंका है। जहां की हवा अत्यंत नाजुक मानी गई है, वहां बाद में सांस लेने में तकलीफ की बीमारी होने का खतरा है।

ऐसे होता है प्रदूषण : सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरन्मेंट (सीएसइ) ने बताया है कि पटाखों से निकलने वाले खतरनाक धुआं से हवा जहरीली हो जाती है। हवा में पहले से ही विषैले कण सुरक्षित स्तर से पांच से सात गुणा ज्यादा हैं। इतना ही नहीं पर्यावरण में खतरनाक रसायन भी जमा हो जाता है और कई दिनों तक यह फंसा रहता है।

बढ़ता प्रदूषण स्तर : वर्ष 2010 से दिवाली प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता चला आ रहा है। सात से आठ गुणा ज्यादा प्रदूषण बढ़ जाता है, लेकिन उच्चतम स्तर, मानक से दस गुणा ऊपर तक पहुंच जाता है।

फिर भी नुकसान में दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अंधाधुंध आतिशबाजी के कारण कई इलाकों में प्रदूषण 20 गुणा बढ़ गया है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीबी) ने प्रदूषण से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़े में बताया गया है कि समूची दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)10 का औसत स्तर 296-778 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) रहा। पिछली बार दिवाली यह 421-790 एमजीसीएम के बीच था। पीएम 2.5 का स्तर 184-369 एमजीसीएम के बीच था। पिछले साल इसका स्तर 145-500 एमजीसीएम के बीच था। पीएम 2.5 के लिए निर्धारित मानक 60 एमजीसीएम है और पीएम 10 के लिए निर्धारित मानक 100 एमजीसीएम है।


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