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जन्नत फिर गुलजार, आने वाले सीजन का इंतजार

धरती पर स्वर्ग: विदेशी पर्यटकों के लिए सर्वाधिक सुरक्षित सैरगाहों में शुमार

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 11:20 AM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 11:20 AM (IST)
जन्नत फिर गुलजार, आने वाले सीजन का इंतजार
जन्नत फिर गुलजार, आने वाले सीजन का इंतजार

श्रीनगर (नवीन नवाज)। बेशक यूरोपीय मुल्कों ने कश्मीर को असुरिक्षत क्षेत्र बता अपने नागरिकों को यहां नहीं जाने की सलाह दे रखी है, लेकिन धरती पर स्वर्ग कहलाने वाला कश्मीर विदेशी सैलानियों के लिए सबसे सुरक्षित सैरगाह के रूप में सामने आ रहा है। गत तीन वर्षों की बात करें तो विदेशी सैलानियों के साथ यहां किसी भी तरह का अपराध घटित नहीं हुआ है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट कश्मीर को देश का सबसे सुरक्षित पर्यटक स्थल साबित करती है। वहीं, आतंकियों के लगातार जारी सफाये के बाद अब जन्नत के फिर सैलानियों से गुलजार होने की उम्मीद की जा रही है। 

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वर्ष 2015 और 2016 में जम्मू-कश्मीर में विदेशी पर्यटकों के साथ हिंसा, धोखाधड़ी, छेड़खानी या किसी अन्य प्रकार के अपराध का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। जबकि देश के अन्य भागों में विदेशी पर्यटकों के साथ अपराध संबंधी 382 मामले दर्ज हुए हैं। 2017 में भी घाटी में इस तरह का कोई मामला अब तक दर्ज नहीं हुआ है। आतंकी घटनाओं के चलते अनेक देशों ने जहां कश्मीर को पर्यटन के लिहाज से असुरक्षित मान रखा है, वहीं जर्मनी, मलेशिया, थाईलैंड और कोरिया जैसे देशों से यहां हजारों सैलानियों का आना बदस्तूर जारी है। भय और आतंक को दरकिनार कर ये सैलानी हर वर्ष जन्नत की सैर को आते हैं। अमेरिका, ऑस्टे्रलिया और कुछ यूरोपीय मुल्कों की मनाही के बाद विदेशी सैलानियों की आमद कम जरूर हुई है। 

आने वाले सीजन का इंतजार 

राज्य के पर्यटन निदेशक महमूद अहमद शाह ने बताया कि देशी-विदेशी सैलानियों के लिए कश्मीर पूरी तरह सुरक्षित है। 2016 और 2017 में विदेशी पर्यटक कश्मीर के लिए तो आए, लेकिन इस दौरान यहां तनाव के चलते वे जम्मू और लद्दाख को मुड़ गए। आतंक के खिलाफ सेना और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी के बाद उम्मीद बढ़ गई है कि आने वाले अप्रैल- जुलाई के सीजन में देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या में बड़ा इजाफा होगा।

95 से बिगड़ी छवि 

आतंकी हिंसा शुरू होने के बाद के कुछ वर्षों तक भी कश्मीर में विदेशी पर्यटकों की आमद में कोई खास गिरावट नहीं आई। इनकी संख्या लाखों में थी। 1995 में जुलाई माह के दौरान अल फरान नामक आतंकी संगठन द्वारा छह विदेशी पर्यटकों के अपहरण के बाद स्थिति बदल गई। एक पर्यटक बच निकला जबकि एक की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। शेष अन्य अभी तक लापता हैं। 

जागरण विशेष

गत तीन वर्षों में विदेशी पर्यटकों के साथ अपराध का कोई मामला दर्ज नहीं 

जर्मनी, मलेशिया, थाईलैंड, कोरिया से अधिक संख्या में आ रहे पर्यटक

आतंक के सफाये के बाद अब फिर बढ़ेगी सैलानियों की संख्या

इन मुल्कों ने लगाई रोक 

अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, फ्रांस, स्पेन, कनाडा के अलावा अनेक यूरोपीय देशों ने कश्मीर को असुरक्षित घोषित कर रखा है। 

किस वर्ष कितने विदेशी सैलानी आए

2012  78802

2013  60845

2014  86477

2015  58568

2016  24516

2017 12000

जिन देशों ने भी अपने नागरिकों के जम्मू-कश्मीर जाने पर रोक लगाई है, उनके राजदूतों के जरिये हम संदेश दे रहे हैं कि कश्मीर असुरक्षित नहीं है। हमारी विभिन्न देशों के राजदूतों से बात हुई है और प्रयास रंग ला रहे हैं। विदेश मंत्रालय भी इसे लेकर गंभीर है।  

- डॉ. निर्मल सिंह, उपमुख्यमंत्री, कश्मीर

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