संघ-भाजपा समन्वय बैठक: दूसरे दिन सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दों पर होगी चर्चा
आरएसएस और उससे जुड़े 15 संगठनों की तीन दिवसीय बैठक का आज दूसरा दिन है। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, संगठन के सभी वरिष्ठ नेता और आरएसएस से जुड़े अनेक संगठनों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। बैठक का मकसद सरकार के कामकाज की समीक्षा और सुधार के
नई दिल्ली। आरएसएस और उससे जुड़े 15 संगठनों की तीन दिवसीय बैठक का आज दूसरा दिन है। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, संगठन के सभी वरिष्ठ नेता और आरएसएस से जुड़े अनेक संगठनों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। बैठक का मकसद सरकार के कामकाज की समीक्षा और सुधार के लिए आरएसएस के तमाम संगठनों के सुझावों को अमल में लाने की योजना तैयार करना है।
बैठक में भाजपा सहित संघ के संगठनों के बीच समन्वय बनाने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक के दूसरे दिन सुबह 10:30 बजे से मध्यांचल भवन आज सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों पर चर्चा होगी और इसमें आरक्षण जैसे मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार यानि बैठक के अंतिम दिन शामिल होंगे।
इससे पहले बैठक के पहले दिन तो एजेंडे के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा और कृषि पर चर्चा हुई, लेकिन संभवत: मध्यावकाश में वरिष्ठ मंत्रियों से वन रैंक वन पेंशन के विवाद पर चिंता जताई गई। संभवत: भैयाजी जोशी ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से कहा कि इसका संदेश गलत जा रहा है। सिद्धांतत: प्रधानमंत्री सहमति जता चुके हैं। इसे दोहराते हुए कोई कमेटी बना दी जानी चाहिए जो विस्तृत रूप से फैसला करे।
बताते हैं कि सरकार को लेकर बन रही छवि पर भी बात हुई। संघ ने संगठन के स्तर पर इसकी पूरी निगरानी का सुझाव दिया और कहा कि सरकार काम कर रही है तो यह संदेश भी लगातार प्रसारित होते रहना चाहिए।
औपचारिक रूप से चर्चा के लिए आर्थिक सुधार का मुद्दा था। इसमें कृषि से लेकर सड़क और लघु व मध्यम स्तर के उद्योग से लेकर स्टील प्लांट तक पर चर्चा हुई। सुझाव यह दिया गया कि विकास का वह फार्मूला अपनाया जाना चाहिए जिससे सबको जोड़ा जा सके। औद्योगिक विकास का लाभ समाज के निचले स्तर के लोगों तक को मिलना चाहिए। इसी क्रम में कृषि आधारित उद्योग की बात कही गई। राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी बात हुई और खासतौर से कश्मीर पर चर्चा हुई। सरकार ने संघ को आश्वस्त किया कि कश्मीर समेत दूसरे प्रभावित राज्यों में सधे कदमों से उपाय किए जा रहे हैं।
बताते हैं कि आगे दो दिनों में शिक्षा, संस्कृति, आदिवासी कल्याण और वित्त समेत बिहार चुनाव, धार्मिक जनगणना जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। संबंधित मंत्री भी बुलाए जाएंगे और संघ के अनुषांगिक संगठनों की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शुक्रवार को कुछ देर के लिए बैैठक में शामिल होने की संभावना है।