संसद पर आतंकी हमले का खतरा, दिल्ली में हाई अलर्ट
संसद पर हमले की 13वीं बरसी से पहले एक बार फिर देश की सबसे बड़ी पंचायत पर आतंकी घात को लेकर आगाह किया गया है। खुफिया एजेंसियों ने मौजूदा संसद सत्र के दौरान लोकसभा सचिवालय को सुरक्षा इंतजाम चुस्त करने, लोगों तथा वाहनों की आवाजाही की विशेष निगरानी करने को
राजकिशोर/प्रणय उपाध्याय, नई दिल्ली। संसद पर हमले की 13वीं बरसी से पहले एक बार फिर देश की सबसे बड़ी पंचायत पर आतंकी घात को लेकर आगाह किया गया है। खुफिया एजेंसियों ने मौजूदा संसद सत्र के दौरान लोकसभा सचिवालय को सुरक्षा इंतजाम चुस्त करने, लोगों तथा वाहनों की आवाजाही की विशेष निगरानी करने को कहा है। इसके मद्देनजर हिफाजत के इंतजाम आनन-फानन में चुस्त किए गए। दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा सचिवालय को खास तौर पर सफाईकर्मियों और ठेके पर काम करने वाले कामगारों तथा संसद परिसर में वाहनों की आवाजाही की स्क्रीनिंग को कहा गया। इस सप्ताह लोकसभा सचिवालय को भेजे गए खुफिया एजेंसियों के अलर्ट में संसद पर आतंकी हमले की 13वीं बरसी व राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के मद्देनजर सुरक्षा इंतजाम चुस्त करने को कहा गया है।
खुफिया एजेंसियों से आई सूचना के बाद संसद की सुरक्षा को हाई अलर्ट कर दिया गया है। इसके तहत परिसर के भीतर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के साथ ही संसद भवन की ओर आने वाले आवाजाही के रास्तों पर भी अतिरिक्त कॉर्डन लगाए गए हैं। इसके अलावा संसद परिसर में नाभिकीय व जैविक हमलों से बचाव के लिए भी विशेषज्ञ दल तैनात हैं।
आरके सिंह समिति के सुझावः
महत्वपूर्ण है कि 16वीं लोकसभा के गठन के बाद ही लोकसभा अध्यक्ष ने पूर्व गृह सचिव आरके सिंह की अगुवाई में एक समिति बनाई थी। समिति को सुरक्षा इंतजामों में खामियां पता लगाने व सुधार के इंतजाम सुझाने को कहा गया था।
इसमें पुलिस व सुरक्षा इंतजामों का अनुभव रखने वाले मुंबई पुलिस से पूर्व कमिश्नर सत्यपाल सिंह और राजस्थान के डीआइजी रह चुके हरीश चंद्र मीणा को रखा गया था। समिति द्वारा बीते दिनों दी गई अंतरिम रिपोर्ट के बाद सुरक्षा इंतजामों के तहत संसद के मुख्यद्वार के साथ दर्शक दीर्घा में प्रवेश के वक्त आम लोगों का फोटो पुष्टिकरण करने की व्यवस्था लागू की गई। साथ ही आवाजाही के रास्तों को भी सुरक्षा इंतजामों के लिहाज से मुस्तैद किया गया।
गौरतलब कि 2001 में संसद पर हुए हमले में पांच आतंकियों समेत 14 लोग मारे गए थे। इसमें दिल्ली पुलिस के छह कर्मी तथा वाच एंड वार्ड दस्ते के दो कर्मचारी भी शामिल थे। इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने अंजाम दिया था।