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मंदिर की सीढ़ी से सियासत के चरमोत्कर्ष पर तीसरी पीढ़ी

राजनीति में सक्रिय गोरक्षपीठ के तीसरे महंत हैं योगी आदित्यनाथ..

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 19 Mar 2017 05:57 AM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2017 10:24 AM (IST)
मंदिर की सीढ़ी से सियासत के चरमोत्कर्ष पर तीसरी पीढ़ी
मंदिर की सीढ़ी से सियासत के चरमोत्कर्ष पर तीसरी पीढ़ी

रजनीश त्रिपाठी, गोरखपुर। बाबा गोरक्षनाथ के आशीर्वाद और उनके तपोबल के प्रताप से सिद्ध हो चुकी गोरखनाथ पीठ ने सूबे ही नहीं देश की सियासत में भी भगवा को लंबे समय तक फहराया है। गोरक्षपीठ के महंत रहे दिग्विजय नाथ की राजनैतिक और धार्मिक विरासत को महंत अवैद्यनाथ बुलंदी पर पहुंचाया तो उनके शिष्य महंत योगी आदित्यनाथ उसे सूबे की सियासत में चरमोत्कर्ष तक ले जाने में कामयाब रहे। राजनीति में गोरखनाथ मंदिर के हस्तक्षेप पर नजर डालेंगे तो पता चलेगा कि किस तरह मंदिर की सीढ़ी ने तीसरी पीढ़ी के लिए आशीर्वाद का काम किया।

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आजादी के बाद गोरक्षनाथ पीठ के महंत दिग्विजय नाथ ने सबसे पहले राजनीति में कदम रखा। 1967 के लोकसभा चुनाव में गोरखपुर सीट से चुनाव लड़कर वह पहली बार सांसद बने। इसके बाद उनकी राजनीतिक और धार्मिक विरासत को उनके शिष्य ब्रह्मालीन महंत अवैद्यनाथ ने संभाला। सामाजिक समरसता के प्रतीक और समाज में देव तुल्य दर्जा पाने वाले महंत अवैद्यनाथ राजनीति में उसी रूप में पहचाने गए। सूबे ही नहीं देश की सियासत में कम ही राजनेता ऐसे होंगे जिन्होंने पांच बार विधानसभा और चार बार लोकसभा में स्थान हासिल किया हो। मानीराम विधानसभा चुनाव लड़ने वाले महंत अवैद्यनाथ 1962, 1967, 1969, 1974, 1977 में विधायक चुने गए, जबकि 1969, 1989, 1991, 1996 में चार बार वह लोकसभा सदस्य चुने गए।

महंत अवैद्यनाथ ने अपने रहते हुए ही अपनी विरासत अपने शिष्य योगी आदित्यनाथ को सौंपी। अपने गुरु की परंपरा को योगी आदित्यनाथ ने इस तरह आगे बढ़ाया कि वह अपराजेय हो गए। 1998 में पहली बार महज 26 साल की उम्र में सांसद बनने वाले आदित्यनाथ नहीं कभी पराजय नहीं देखी। 1999, 2004, 2009, 2014 में लगातार उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया और पांच बार से वह गोरखपुर सीट से सांसद चुने जा रहे हैं।

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारकों में शामिल रहे योगी ने 175 से अधिक जनसभाएं की। पूर्वाचल में मिली सीटों में योगी की अहम भूमिका रही, जिसका प्रतिफल उन्हें सूबे के मुख्यमंत्री के रूप में मिला है।

देखें तस्‍वीरें : शपथ से पहले समारोह स्थल का जायजा लेने पहुंचे योगी आदित्यनाथ

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