अटलजी व राजनाथ में नहीं कोई अंतर : शिव
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की इच्छा से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह लखनऊ चुनाव लड़ने आए हैं। लखनऊ भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट है और पार्टी अध्यक्ष होने के नाते राजनाथ पर देशभर में प्रचार करने जैसी कई बड़ी जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में अटलजी ने मिशन 272 सुनिश्चित करने के लिए राजनाथ क
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की इच्छा से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह लखनऊ चुनाव लड़ने आए हैं। लखनऊ भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट है और पार्टी अध्यक्ष होने के नाते राजनाथ पर देशभर में प्रचार करने जैसी कई बड़ी जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में अटलजी ने मिशन 272 सुनिश्चित करने के लिए राजनाथ को लखनऊ भेजा है।
यह कहना है कि तीन दशक से अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सहायक के रूप में कार्यरत शिव कुमार का। उन्होंने कहा कि अटलजी बीमार नहीं हैं बल्कि बुढ़ापे की समस्या से ग्रसित हैं। ऐसे में अटलजी ने लखनऊ की जनता को अपना संदेश देने के लिए उन्हें भेजा है। उन्होंने कहा कि कार्यशैली को लेकर अटलजी और राजनाथ सिंह में कोई अंतर नहीं है। अटलजी जिस तरह पार्टी पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता से लेकर एक-एक मतदाता से सहजता से मिलते थे उसी तरह राजनाथ भी सभी को तवज्जो देते हैं। वह उनको रिकॉर्ड मतों से जिताने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।
सात अप्रैल को राजनाथ करेंगे नामांकन
भाजपा अध्यक्ष और लखनऊ से पार्टी प्रत्याशी राजनाथ सिंह ने लखनऊ प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को अपने चुनाव अभियान की बुनियाद को मजबूत करने की कवायद के तहत जहां समाज के विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधियों से बात की वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह का संचार किया। उन्होंने कहा कि वह सात अप्रैल को नामांकन करेंगे।
भाजपा अध्यक्ष ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भावनात्मक संवाद स्थापित करते हुए कहा कि वह लखनऊ में चुनाव प्रचार में उतना समय नहीं दे पाएंगे जितना अपेक्षित होता है। अलबत्ता उन्होंने यह अवश्य कहा कि दिन में वह देश के किसी कोने में रहें लेकिन प्रयास होगा कि रात में लखनऊ आ जाएं। उन्होंने कार्यकर्ताओं में उत्साहित करने का प्रयास करते हुए कहा कि चुनाव बाद वह एक-एक कार्यकर्ता के गले में माला डालकर चुनाव में विजय सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करेंगे। लखनऊ के मौजूदा सांसद लालजी टंडन ने राजनाथ सिंह को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह निश्चिंत होकर देश भर में अपने दायित्वों का निर्वहन करें और उन्हें लखनऊ को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। राजनाथ और टंडन के भाषणों से साफ था कि चुनावी रणनीति अटल बिहारी वाजपेयी के आभामंडल के यशोगान पर ही आधारित होगी।
इस बीच समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को अपने घोषित प्रत्याशी अशोक बाजपेयी के स्थान पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अभिषेक मिश्र को लखनऊ लोकसभा चुनाव के अखाड़े में उतारने की घोषणा की तो भाजपा ने इसे सपा की घबराहट बताने में देर नहीं की। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्र मोहन ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी के तौर पर राजनाथ के लखनऊ आते ही जिस तरह उनको अपार और व्यापक समर्थन मिला उससे सपा घबरा गयी और नतीजे में उस प्रत्याशी का टिकट काट दिया जिसे एक साल पहले प्रत्याशी बनाया गया था।
राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सुबह से ही लोगों से मिलने का सिलसिला शुरू कर दिया। मारवाड़ी समाज, नाई समाज, लोधी महासंघ, पाल महासंघ, लोक अभियान संगठन, उद्योग प्रतिनिधि मंडल सहित अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों से भाजपा अध्यक्ष ने मुलाकात की। सभी ने अपनी समस्याओं के प्रति भाजपा अध्यक्ष का ध्यान आकर्षित किया और चुनाव में समर्थन के प्रति आश्वस्त किया। रात में भाजपा अध्यक्ष पार्टी के पूर्व विधायक विद्या सागर गुप्त के आवास पर आयोजित रात्रि भोज में शामिल हुए जहां पार्टी के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ समाज के विभिन्न वर्गो के लोग एवं सभ्रांत नागरिक मौजूद थे।