शिक्षकों को नौकरी के दूसरे दिन ही निकाला
दिल्ली सरकार के स्कूलों में हाल ही में नियुक्त हुए अतिथि शिक्षक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। दरअसल, दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर रहा है। शनिवार को विभाग ने चार सौ अतिथि शिक्षकों की सूची बनाकर ऑनलाइन की थी। सूची के मुताबिक सभी चार सौ शिक्षकों को दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में पढ़ाने का निर्देश दिया गया था। नौकरी पाकर अतिथि शिक्षक काफी खुश थे, मगर यह खुशी उन्हें ज्यादा दिन नस
पश्चिमी दिल्ली [ऋषिपाल टोंकवाल]। दिल्ली सरकार के स्कूलों में हाल ही में नियुक्त हुए अतिथि शिक्षक खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। दरअसल, दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा विभाग अतिथि शिक्षकों को नियुक्त कर रहा है। शनिवार को विभाग ने चार सौ अतिथि शिक्षकों की सूची बनाकर ऑनलाइन की थी। सूची के मुताबिक सभी चार सौ शिक्षकों को दिल्ली के विभिन्न स्कूलों में पढ़ाने का निर्देश दिया गया था। नौकरी पाकर अतिथि शिक्षक काफी खुश थे, मगर यह खुशी उन्हें ज्यादा दिन नसीब नहीं हुई। नियुक्ति के दूसरे ही दिन उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
अगले ही दिन शिक्षा विभाग ने अपने नियमित शिक्षकों को अन्य स्कूलों से उन स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया जिनमें अतिथि शिक्षकों को पढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया था। विभाग के इस फैसले से अतिथि शिक्षकों के मन में घोर निराशा है। उनका कहना है कि यदि शिक्षा विभाग को अपने नियमित शिक्षकों को ही स्कूलों में ट्रांसफर करना था तो अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की सूची नहीं निकालनी चाहिए थी। सूची निकालने के लिए एक दिन इंतजार करना चाहिए था। उनका आरोप है कि वे शिक्षा विभाग की अव्यवस्था के शिकार हुए हैं। नौकरी से अचानक हटाए जाने से नाराज अतिथि शिक्षकों ने शिक्षा निदेशालय के कार्यालय पर एकत्रित होकर प्रदर्शन भी किया। शिक्षा विभाग में हुई गंभीर चूक पर बोलने को कोई भी अधिकारी बात करने को तैयार नहीं है। इस बारे में शिक्षा निदेशक पद्मिनी सिंघला व अतिरिक्त निदेशक [योजना] मधु तेवतिया से संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर उनसे बात नहीं हो सकी।
23 तारीख से नियुक्ति की प्रक्रिया हुई है शुरू
दिल्ली सरकार के विभिन्न स्कूलों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए शिक्षा निदेशालय ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 23 अगस्त से इसकी प्रक्रिया शुरू की है। यह प्रक्रिया 26 अगस्त तक चलेगी। अभी तक इस प्रक्रिया के तहत एक सूची जारी की जा चुकी है।
शिक्षा विभाग के पास योजना बनाने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। नौकरी खोने से उन्हें घोर निराशा है। विभाग में मौजूद ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जिनकी वजह से हमारी नौकरी गई है।
-ओमदत्त शर्मा, अतिथि शिक्षक
नौकरी पाकर घर में खुशी का माहौल था, मगर शिक्षा विभाग में फैले कुशासन के चलते उनकी नौकरी चली गई। शिक्षा विभाग के अपने कर्मचारियों व अधिकारियों में तालमेल नहीं है। वह दूसरों के साथ क्या न्याय करेंगे।
-रामअवतार सिंह, अतिथि शिक्षक