Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चाय कूटनीति में दिखी मोदी-ओबामा रिश्ते की गर्माहट

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Mon, 26 Jan 2015 09:24 AM (IST)

    सियासी प्याली में तूफान ला चुके नरेंद्र मोदी अब अपनी चाय से कूटनीतिक क्षेत्र में भी धमाल कर रहे हैं। परंपरा तोड़कर उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रपति बराक ओबामा की हवाई अड्डे पर खुद अगवानी की, बल्कि हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बातचीत के दौरान खुद ही चाय भी बनाकर दी।

    Hero Image

    राजकिशोर, नई दिल्ली। सियासी प्याली में तूफान ला चुके नरेंद्र मोदी अब अपनी चाय से कूटनीतिक क्षेत्र में भी धमाल कर रहे हैं। परंपरा तोड़कर उन्होंने न सिर्फ राष्ट्रपति बराक ओबामा की हवाई अड्डे पर खुद अगवानी की, बल्कि हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बातचीत के दौरान खुद ही चाय भी बनाकर दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ओबामा का एयरफोर्स-वन विमान रविवार को दिल्ली की जमीन पर उतरने के बाद से ही बराक-नरेंद्र केमिस्ट्री का असर दिखने लगा। हालांकि, विश्व बिरादरी में सबसे बराबरी का व्यवहार रखने के अपने वादे का भी मोदी ने पूरा मान रखा।

    मोदी की बॉडी लैंग्वेज व वाणी में राजनयिक मर्यादा के साथ आत्मीयता व आत्मविश्वास का पूरा पुट दिखा। कहीं भी मोदी ने सीनियर या जूनियर का भाव नहीं आने दिया। ओबामा ने भी मोदी के हर हाव-भाव का उत्तर पूरी गर्मजोशी से दिया।

    हवाई अड्डे पर दोनों नेता जिस गर्मजोशी से गले मिले और बातचीत की, वही अपने आप में संदेश था। प्रथम अमेरिकी महिला मिशेल के साथ भी भारतीय प्रधानमंत्री का व्यवहार बेहद सहज व आत्मीय था।
    बाद में राष्ट्रपति भवन और फिर हैदराबाद हाउस में मोदी-ओबामा के रिश्तों की गर्मजोशी देखने लायक थी। भारतीय प्रधानमंत्री ने बराक ओबामा को उनके पहले नाम यानी बराक कहकर ही संबोधित किया।

    यह दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक रिश्तों के जन्मने का सुबूत था। ओबामा ने भी अपनी तरफ से इस केमिस्ट्री को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ओबामा ने हिंदी में पहले नमस्ते फिर मेरा प्यार भरा नमस्कार कहकर भारत को संबोधित किया। फिर चाय पर चर्चा का जिक्र कर ओबामा ने इस पर्सनल केमिस्ट्री की गरमाहट की तरफ खुला इशारा कर दिया।

    संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो साफ कहा कि दो देशों के साथ रिश्ते काजग पर पूर्ण विराम व अल्पविराम से कम निर्धारित होते हैं। यह नेताओं के बीच केमिस्ट्री कैसी है, इस पर निर्भर करता है। कैमरे से दूर एक-दूसरे के बीच निकटता को समझ सकते हैं। उस खुलेपन के कारण मैं और बराक फोन पर बात कर लेते हैं। हम दोनों में मित्रता है।


    बराक ओबामा ने भी कहा कि उनके संबंधों के बीच में खासी गरमाहट और एक दूसरे के प्रति आदर भाव है। आपसी बातचीत के बारे में कुछ बताने से इंकार करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने चुटकी ली कि 'मुझे पता चला है कि मोदी मुझसे भी कम सोते हैं। चर्चा में मैंने कहा है कि शायद पांच साल पूरा करने के बाद आपकी नींद एक घंटे बढ़ जाए। इस पर दोनों नेताओं और दोनों पक्षों में जमकर ठहाके लगे। दोनों नेताओं की पर्सनल केमिस्ट्री पर बाद में विदेश सचिव सुजाता सिंह ने भी कहा कि किसी भी समझौते या फैसले में राजनीतिक नेतृत्व की ही भूमिका प्रमुख होती है।

    ओबामा को मोदी की भेंट
    1946 में अमेरिका के कार्यवाहक विदेश मंत्री डीन एक्शन ने भारत के संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष सच्चिदानंद सिन्हा को जो टेलीग्राम भेजा था, उसकी पहली प्रति मोदी ने ओबामा को भेंट की। इसमें उन्होंने अमेरिका की जनता की तरफ से भारत की जनता को शुभकामनाएं दी थीं।

    मोदी का स्टाइल स्टेटमेंट
    रोम में रहो तो रोमन की तरह। जैसा देस वैसा भेष। अंग्रेजी-हिंदी की इन दोनों कहावतों पर प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह अमल करते हैं। समय की नजाकत के हिसाब से उनके परिधान ही नहीं बदलते। बॉडी लैंग्वेज से लेकर उनके बोलचाल तक की अदाएं भी समय के हिसाब से ही होती हैं। ओबामा को सवेरे जब वह एयरपोर्ट पर लेने गए तो लाल शॉल और परंपरागत कुर्ते-पजामे में थे। वहीं दोपहर को काले धारीदार नेहरू सूट में थे, जिस पर करीने से जेब में लगा लाल रूमाल अलग से ही दिख रहा था।


    मोदी के कायल हुए ओबामा

    बराक ओबामा दो ही मुलाकातों में प्रधानमंत्री मोदी की क्षमता और उनकी शैली के कायल हो गए। रात को राष्ट्रपति भवन में अपने सम्मान में आयोजित शानदार रात्रिभोज में ओबामा ने मोदी का लोहा माना। उन्होंने कहा कि मोदी बेहद सख्त जान हैं। वह मगरमच्छ के हमले तक से बचे हैं। मोदी और मेरी कहानी एक जैसी है और हमारा संघर्ष भी एक जैसा रहा है। मोदी की ओर देखकर उन्होंने कहा कि यह डिनर हमारी दोस्ती के लिए है। उन्होंने मोदी के स्टाइल स्टेटमेंट की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह मोदी के कपड़े पहनने के ढंग से इतने प्रभावित हैं कि आज रात्रिभोज में मोदी कुर्ता ही पहनने की सोच रहे थे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ओबामा को याद दिलाया कि 2010 में जब वे पहली बार भारत आए थे तो राष्ट्रपति भवन के डिनर में ही दोनों की भेंट हुई थी। मुखर्जी ने कहा कि इस बार उनका मेजबान बनकर उन्हें दोहरी खुशी हो रही है। प्रणब का इशारा तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा दिए गए रात्रिभोज की ओर था।

    पढ़ेंः ओबामा की यात्रा से भाजपा को लाभ मिलने की उम्मीद