Move to Jagran APP

सेना प्रमुख के आरोपों पर तेजिंदर सिंह से पूछताछ

सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह द्वारा लगाए गए रिश्वत संबंधी आरोपों की अपनी जाच आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय जाच ब्यूरो [सीबीआई] ने टाट्रा ट्रक मामले में सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह से उनकी कथित भूमिका के बारे में बुधवार को पहली बार पूछताछ की।

By Edited By: Published: Wed, 02 May 2012 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2012 10:09 PM (IST)

नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह द्वारा लगाए गए रिश्वत संबंधी आरोपों की अपनी जांच आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] ने टाट्रा ट्रक मामले में सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह से उनकी कथित भूमिका के बारे में बुधवार को पहली बार पूछताछ की।

loksabha election banner

आधिकारिक सूत्राें ने यहां बताया कि तेजिंदर सिंह बुधवार सुबह सीबीआई मुख्यालय पहुंचे और उनसे टाट्रा मामले में विस्तार से पूछताछ की गई, क्योंकि अब तक जांच में इन ट्रकों के सौदे का मार्ग प्रशस्त करने में कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों की भूमिका के संकेत मिले हैं।

उन्होंने कहा कि तेजिंदर सिंह से सेना प्रमुख द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर भी सवाल जवाब किए गए। सेना प्रमुख ने अपने बयान में दावा किया था कि सेना के लिए 600 टाट्रा ट्रकों के बिक्री सौदे का मार्ग प्रशस्त करने के लिए वर्ष 2010 में लेफ्टिनेंट जनरल ने 14 करोड़ रूपए की रिश्वत की पेशकश के साथ उनसे संपर्क किया था।

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि तेजिंदर सिंह से 22 सितंबर, 2010 को उनके सेना प्रमुख कार्यालय जाने के कारणों के बारे में पूछताछ की गई, उसी दिन जनरल वी के सिंह को कथित रिश्वत की पेशकश की गई थी।

तेजिंदर सिंह ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है और सेना प्रमुख के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने 20 अप्रैल को सेना प्रमुख के बयान दर्ज किए थे जिसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि तेजिंदर सिंह ने टाट्रा ट्रक के रवि ऋषि की ओर से उन्हें [रिश्वत की] पेशकश की थी।

ऋषि और उनकी कंपनी वेक्ट्रा ने इस मामले में किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है।

सीबीआई ने सेना को टाट्रा ट्रकों की ब्रिक्री के सिलसिले में 30 मार्च को रवि ऋषि, रक्षा मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों और ब्रिटेन की वेक्ट्रा कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

सीबीआई सूत्रों ने दावा किया कि दस्तावेजों से पता चला है कि आपसी समझ ज्ञापन में हड़बड़ी दिखाई गई थी तथा जून, 1997 में टाट्रा सिपोक्स यूके और बीईएमएल के बीच तीन दिन में यह ज्ञापन हुआ था।

टाट्रा सिपोक्स यूच्े में अच्छी खासी हिस्सेदारी रखने वाले ऋषि ने किसी भी गड़बड़ी के आरोपों का खंडन किया है।

जांच एजेंसी इन ट्रकों की आपूर्ति का चेकोस्लोवाकिया की टाट्रा से ऋषि की कंपनी टाट्रा सिपोक्स को सौंपे जाने में कथित अनियमितता की जांच कर रही है। दरअसल पहले 1986 में चेकोस्लोवाकिया की टाट्रा कंपनी के साथ बिक्री अनुबंध किया गया और 1997 में यह टाट्रा सिपोक्स यूके साथ किया गया और इसमें यह दर्शाया गया कि टाट्रा सिपोक्स यूके ही मूल कंपनी है और वह चेकोस्लोवाकिया की कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.