त्योहारों पर 'तत्काल' का झटका, महंगे होंगे टिकट
ट्रेन हादसे से स्वच्छता अभियान का मुहूर्त बिगाड़ने के साथ ही रेलवे ने तत्काल स्कीम को महंगा कर त्योहारों का मजा किरकिरा कर दिया है। वह भी ऐसे समय जब डीजल के दाम घटाए जाने की चर्चा है और रेल किराये-भाड़े में पहले ही पर्याप्त वृद्धि हो चुकी है, रेलवे ने तत्काल कोटे के आधे टिकटों को मा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। ट्रेन हादसे से स्वच्छता अभियान का मुहूर्त बिगाड़ने के साथ ही रेलवे ने तत्काल स्कीम को महंगा कर त्योहारों का मजा किरकिरा कर दिया है। वह भी ऐसे समय जब डीजल के दाम घटाए जाने की चर्चा है और रेल किराये-भाड़े में पहले ही पर्याप्त वृद्धि हो चुकी है, रेलवे ने तत्काल कोटे के आधे टिकटों को मांग के अनुसार ऊंचे किराये पर बेचने का निर्णय किया है। इसके तहत प्रत्येक ट्रेन में तत्काल कोटे के शुरुआती पचास फीसद टिकट तो मौजूदा दरों पर ही जारी किए जाएंगे। बाद के पचास फीसद टिकटों पर मांग के अनुसार क्रमश: अधिक से अधिक किराया वसूला जाएगा। यानी इन टिकटों की बिक्री प्रीमियम ट्रेनों के टिकटों की तर्ज पर की जाएगी और प्रत्येक 10 फीसद टिकट बिक्री के बाद किराये में 20 फीसद बढ़ोतरी होगी।
उदाहरण के लिए यदि किसी ट्रेन के थर्ड एसी में 60 तत्काल सीटें उपलब्ध हैं तो 30 सीटें सामान्य दर पर बेची जाएंगी, जबकि बाकी तीस सीटों में से तीन टिकटों के लिए बीस फीसद ज्यादा किराया देना होगा। बाकी बची 27 टिकटों में से दस फीसद टिकटों पर पुन: यही नियम लागू होगा और उन पर और बीस फीसद ज्यादा किराया लिया जाएगा। यह क्रम टिकटें खत्म होने तक जारी रहेगा।
'प्रीमियम तत्काल टिकट' नामक इस स्कीम को गांधी जयंती से एक दिन पहले फिलहाल अस्सी ट्रेनों में लागू कर दिया गया है। आगे चलकर इसमें और ट्रेने जोड़ी जाएंगी। तत्काल कोटे के ये टिकट केवल ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक स्कीम कामयाब बनाने के लिए सभी जोनों से पांच लोकप्रिय ट्रेनों का चयन करने को कहा गया है। उत्तार रेलवे ने वैशाली, सप्तक्रांति, स्वतंत्रता सेनानी के अलावा दिल्ली से मुंबई के बीच चलने वाली दोनों राजधानी ट्रेनों को इसके लिए चुना है।
त्योहार के मौके पर इस कदम का मकसद पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, यही तो सही समय है क्योंकि त्योहारों में ही ट्रेनों में आरक्षित टिकटों की सबसे ज्यादा मांग होती है और यात्री कोई भी कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे तत्काल स्कीम का दुरुपयोग रोकने और दलालों पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया कदम बताया जा रहा है। एक अधिकारी के अनुसार, 'त्योहारों के वक्त तत्काल के दुरुपयोग की शिकायतें हमेशा आती हैं। लेकिन इस बार इनमें बढ़ोतरी देखने को मिली है। लिहाजा एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। इससे वास्तविक यात्रियों को तत्काल कोटे के टिकट प्राप्त करने में सहूलियत होगी।' उल्लेखनीय है कि तत्काल टिकटों की बिक्री से रेलवे को मोटी कमाई होती है। पिछले साल ही रेलवे ने इस टिकटों से अपने खजाने में एक हजार करोड़ रुपये का इजाफा किया था।