अभिषेक से जुड़ी जानकारी देने से स्विटजरलैंड का इन्कार
स्विटजरलैंड ने हथियार दलाल अभिषेक वर्मा और रेनमेटल एयर डिफेंस (आरएडी) के रिश्तों की जांच में सहयोग व ब्योरा साझा करने से इन्कार कर दिया है। इसे भारतीय खुफिया एजेंसी सीबीआइ के लिए एक झटका के रूप में देखा जा सकता है। अभिषेक व उसकी विदेशी पत्नी अंका नियाक्सू पर स्विस
नई दिल्ली। स्विटजरलैंड ने हथियार दलाल अभिषेक वर्मा और रेनमेटल एयर डिफेंस (आरएडी) के रिश्तों की जांच में सहयोग व ब्योरा साझा करने से इन्कार कर दिया है। इसे भारतीय खुफिया एजेंसी सीबीआइ के लिए एक झटका के रूप में देखा जा सकता है।
अभिषेक व उसकी विदेशी पत्नी अंका नियाक्सू पर स्विस रक्षा कंपनी आरएडी से उसे भारत सरकार की काली सूची से डालने की प्रक्रिया रुकवाने के लिए करीब तीन करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप है। अभिषेक को बहुचर्चित नेवी वार रूम लीक कांड में भी पहले गिरफ्तार किया गया था। वर्मा, अंका नियाक्सू और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के बाद सीबीआइ ने वर्ष 2014 की शुरुआत में ही आरएडी से उनके रिश्ते का ब्योरा पाने के लिए स्विस अधिकारियों से संपर्क किया था।
स्विटजरलैंड ने सीबीआइ के आग्रह को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि भारतीय अधिकारियों ने ऐसी सहायता के लिए मांगी गई जरूरी जानकारी नहीं दी। जब स्विटजरलैंड के अटार्नी जनरल कार्यालय (ओएजी) के प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो बर्न से उसने कहा कि कानूनी सहायता के आग्रह पर भारतीय अधिकारियों से कुछ अतिरिक्त जानकारी मांगी गई थी। अंतरराष्ट्रीय सहायता कानून के मुताबिक मांगी गई जानकारी नहीं दी गई इसलिए कानून के तहत ओएजी जरूरी सूचनाएं मुहैया कराने की स्थिति में नहीं है। भारतीय अधिकारियों ने मांगी गई जानकारी दे दी होती तो ओएजी ने अंतरराष्ट्रीय सहायता कानून के तहत सहायता मुहैया करा दी होती। वर्मा और उसकी पत्नी अंका को वर्ष 2012 में गिरफ्तार किया गया था और सीबीआइ ने उसके खिलाफ वर्ष 2013 में आरोप पत्र पेश किया। वर्मा दंपति पर आरएडी से पांच लाख तीस हजार डॉलर (करीब दो करोड़ 94 लाख रुपये) यह वादा करके लिया था कि वह आयुध घोटाला उजागर होने के बाद भारत सरकार द्वारा उस कंपनी को काली सूची में डालने की शुरू की गई कार्यवाही को रुकवाने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा।