पद्मावती फिल्म के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी
क्या संविधान मनोरंजन के नाम पर ऐतिहासिक भारतीय महिला के चरित्र को बदनाम करने की इजाजत देता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पद्मावती फिल्म का विवाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट में एक नयी याचिका दाखिल हुई है जिसमें रानी पद्मावती के चरित्र को खराब करने और बदनाम करने का आरोप लगाया गया है। याचिका में मांग की गई है कि फिल्म रिलीज होने से पहले रानी पद्मावती के चरित्र को बदनाम और खराब करने वाले सारे आपत्तिजनक दृश्य हटाए जाएं। कोर्ट इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई कर सकता है।
यह याचिका वकील एमएल शर्मा ने दाखिल की है जिसमें फिल्म के आपत्तिजनक दृश्य हटाए जाने और निर्माता व निर्देशकों के खिलाफ मानहानि में मुकदमा दर्ज कर मामला चलाए जाने की मांग की गई है। पीठ ने मामले पर अगले सप्ताह विचार किये जाने की बात कही।
दाखिल याचिका में शर्मा ने कानूनी प्रश्न उठाते हुए कहा है कि क्या अभिव्यक्ति की आजादी के तहत अनुच्छेद 21 और 13 का हनन किया जा सकता है। क्या संविधान मनोरंजन के नाम पर ऐतिहासिक भारतीय महिला के चरित्र को बदनाम करने की इजाजत देता है। यह भी सवाल किया है कि क्या मौजूदा सिनेमोटोग्राफी एक्ट 1952 महान महिला की गरिमा और इतिहास को पर्याप्त रूप से संरक्षित करता है। कहा गया है कि अगर फिल्म पर रोक नहीं लगाई गई तो ना भरपाई होने वाला नुकसान होगा।
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