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पंजाब हरियाणा सुनिश्चित करें, कि न हो विरोध प्रदर्शन - सुप्रीम कोर्ट

एसवाईएल मामला लंबे समय से पंजाब और हरियाणा के बीच राजनीति का मुद्दा बना है। आजकल भी हरियाणा में विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 11 Jul 2017 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jul 2017 08:58 PM (IST)
पंजाब हरियाणा सुनिश्चित करें, कि न हो विरोध प्रदर्शन - सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाइएल) मामले में हरियाणा और पंजाब की गर्मायी सियासत को सुप्रीमकोर्ट से दो टूक नसीहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों से कहा है कि शांति बनाए रखें। राज्य सुनिश्चित करें कि जब तक कोर्ट में सुनवाई चल रही है तब तक कोई विरोध प्रर्दशन नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने पंजाब के रवैये पर नाराजगी जताते हुए मंगलवार को फिर कहा कि कोर्ट का आदेश लागू होना चाहिए। उधर पंजाब ने कोर्ट को जानकारी दी कि इस मुद्दे पर हल के लिए प्रधानमंत्री ने दोनों राज्यो के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है।

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एसवाईएल मामला लंबे समय से पंजाब और हरियाणा के बीच राजनीति का मुद्दा बना है। आजकल भी हरियाणा में विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंजाब ने आज तक अपने क्षेत्र में एसवाईएल नहर का निर्माण नहीं कराया है। हरियाणा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कोर्ट का नहर निर्माण का आदेश लागू कराने की मांग की है।

सोमवार को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने हरियाणा की अर्जी पर सुनवाई की। पीठ ने कहा कि एसवाईएल पर कोर्ट का आदेश लागू होना चाहिए और दोनों राज्यों का कर्तव्य है कि वे इसका पालन करें। हरियाणा ने कहा कि उसने अपने क्षेत्र में नहर का निर्माण करा लिया है लेकिन पंजाब की तरफ निर्माण नहीं हुआ है। कोर्ट ने पंजाब के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या आप इस बात से इन्कार कर सकते हैं कि डिक्री आपके खिलाफ है। पंजाब ने कहा कि जब जल बंटवारे का समझौता हुआ था तब स्थिति और थी आज स्थिति भिन्न है। अब पानी बहुत कम है। इस पर पीठ ने कहा कि कोर्ट की डिक्री तो नहर निर्माण की है। ऐसे में नहर का निर्माण होना चाहिए। पहले नहर का निर्माण हो पानी का मामला बाद में तय होगा।

उधर केन्द्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि केन्द्र दोनों राज्यों के बीच बातचीत के जरिए हल निकालने की कोशिश कर रहा है और इस बारे में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने कई बैठकें भी की हैं। उन्होंने सहमति से हल निकालने के लिए दो महीने का समय दिये जाने की मांग की। तभी पंजाब सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री ने आपसी सहमति से हल निकालने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। इस पर वेणुगोपाल ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है लेकिन अगर ऐसा है तो अच्छी बात है।

इस बीच कोर्ट को बताया गया कि इस मुद्दे पर राज्यों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कहा कि हरियाणा का एक राजनैतिक दल प्रदर्शन कर रहा है वो पंजाब नंबर की गाडि़यों को हरियाणा में नहीं घुसने दे रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब मामला कोर्ट में लंबित है तो फिर विरोध प्रदर्शन कैसे हो सकता है। दोनों राज्यों को शांति बहाल करने का आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि वे आज ही इस बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित करें। मामले पर कोर्ट 7 सितंबर को फिर सुनवाई करेगा।

यह भी पढ़ें: कोर्ट के फैसले से उत्साहित सीएम बोले, एसवाईएल निर्माण के लिए तुरंत कदम उठाए पंजाब


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