सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म, हत्या के दोषी की फांसी रोकी
पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी की फांसी सुप्रीम कोर्ट ने रोक दी है। दोषी सचिन के सिंघराहा को बुधवार को फांसी दी जानी थी। शीर्ष अदालत ने उसकी अपील पर मध्य प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।
नई दिल्ली। पांच साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी की फांसी सुप्रीम कोर्ट ने रोक दी है। दोषी सचिन के सिंघराहा को बुधवार को फांसी दी जानी थी। शीर्ष अदालत ने उसकी अपील पर मध्य प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर और जस्टिस आर भानुमति एवं यूयू ललित की पीठ ने सिंघराहा की अपील पर ध्यान देते हुए फांसी रोक दी। मध्य प्रदेश के रहने वाले सिंघराहा ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में निचली अदालत से मिली फांसी की सजा की पुष्टि की है।
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याचिका में आरोप लगाया गया है कि उसके खिलाफ अभियोजन पर्याप्त संदेह के बगैर आरोप साबित करने में विफल रहा। निचली अदालत उसे फांसी की सजा देने में चूक गई और इसका कोई विशेष कारण नहीं दे पाई। हाई कोर्ट भी सजा की पुष्टि में विशेष कारण नहीं बता सकी है। यह भी दावा किया है कि उसका मामला दुर्लभ मामलों की श्रेणी में नहीं आता है।
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अभियोजन के मुताबिक, सिंघराला ने पिछले वर्ष 23 फरवरी को पीडि़ता का अपहरण किया। उसके साथ दुष्कर्म करने के दो दिनों बाद उसकी हत्या कर दी। सबूत नष्ट करने के लिए शव को कुएं में फेंक दिया था।