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राष्ट्रपति तक पहुंचा नेता विपक्ष की कुर्सी का झगड़ा

लोकसभा में नेता विपक्ष पद को लेकर झगड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस की पुरजोर कोशिशों के बावजूद राजग सरकार लोकसभा में उसे विपक्ष के नेता का दर्जा देने को तैयार नहीं है। वहीं, कांग्रेस ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास के साथ-साथ यह मामला राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक पहुंचा दिया है। कांग्र

By Edited By: Published: Tue, 08 Jul 2014 09:10 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jul 2014 08:11 AM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा में नेता विपक्ष पद को लेकर झगड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस की पुरजोर कोशिशों के बावजूद राजग सरकार लोकसभा में उसे विपक्ष के नेता का दर्जा देने को तैयार नहीं है। वहीं, कांग्रेस ने सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयास के साथ-साथ यह मामला राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक पहुंचा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद में जहां इस मुद्दे पर मोर्चा संभाला, वहीं मंगलवार को उन्होंने इस मसले पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात की।

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लोकसभा की कुल सीटों की दस फीसद से भी कम सांसद जीतकर आई कांग्रेस नियमत: नेता विपक्ष के पद से हक खो चुकी है। पहले कांग्रेसी सरकारों ने भी कई सरकारें ऐसी चलाई हैं, जिसमें विपक्ष को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा नहीं मिला। लिहाजा नेता प्रतिपक्ष कोई पद ही नहीं रहा। मगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस दफा खुद आगे बढ़कर मुद्दा बना लिया है। उन्होंने चुनाव पूर्व संप्रग गठबंधन के आधार पर नेता प्रतिपक्ष पद पर दावा किया है। उधर, सरकार की तरफ से लगातार यही कहा जा रहा है कि जनता ने ही कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष के पद लायक नहीं समझा तो वे क्या कर सकते हैं? ध्यान रहे कि कांग्रेस ने अब तक के अपने संसदीय इतिहास में इस दफा सबसे खराब प्रदर्शन किया है और 543 सदस्यों की लोकसभा में उसे मात्र 44 सीटें ही मिली हैं।

सत्ता पक्ष के इस जवाब के मुकाबले कांग्रेस का तर्क संप्रग की कुल सीटों पर था। वैसे मजे की बात है कि अभी तक कांग्रेस ने लिखित रूप से खुद लोकसभा में नेता विपक्ष पद के लिए दावा नहीं किया है। दरअसल, इस मुद्दे पर पहले ही सरकार का रुख समझ चुकी कांग्रेस ने लामबंदी करने के बाद ही इस दिशा में आगे बढ़ना उचित समझा और कमान खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संभाली। बुधवार को कांग्रेस तमाम विपक्षी दलों के सांसदों के हस्ताक्षर के साथ लोकसभा अध्यक्ष को प्रतिवेदन देकर दावा पेश करेगी। कोशिश है कि विपक्ष की तरफ से एक सुर में नेता प्रतिपक्ष पद कांग्रेस को देने के लिए समर्थन जुटाया जाए।

हालांकि, भाजपा ने जवाब में सवाल उठा दिया है कि क्या सभी विपक्षी दल खासतौर से तृणमूल, माकपा और अन्नाद्रमुक जैसे दल कांग्रेस नेता को अपना समर्थन देने को तैयार हैं? बहरहाल इस खींचतान के बीच सोनिया गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रपति से भी इस मुद्दे पर मुलाकात की।


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