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काशी में उतरा सोलर इंपल्स-2

ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों के प्रति जागरुक करने स्विट्जरलैंड से निकला सोलर इंपल्स-2 बुधवार रात 8.35 बजे वाराणसी पहुंच गया। अहमदाबाद से काशी की 1071 किमी की दूरी तय कर विमान 81.32 किमी प्रति घंटा की औसत चाल से 13 घंटे 17 मिनट में वाराणसी पहुंचा। जहां उसका स्वागत

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2015 12:29 AM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2015 03:23 AM (IST)

वाराणसी, जागरण संवाददाता। ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों के प्रति जागरुक करने स्विट्जरलैंड से निकला सोलर इंपल्स-2 बुधवार रात 8.35 बजे वाराणसी पहुंच गया। अहमदाबाद से काशी की 1071 किमी की दूरी तय कर विमान 81.32 किमी प्रति घंटा की औसत चाल से 13 घंटे 17 मिनट में वाराणसी पहुंचा। जहां उसका स्वागत पंपरागत ढंग से किया गया।

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सूरज के इस रथ को एयरपोर्ट पहुंचने से पूर्व गंगा घाटों के ऊपर भी चक्कर लगाना था। साथ ही गंगा आरती की भव्यता को भी सोलर इंपल्स कैमरे में कैद करना था। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। बताया जा रहा है कि आरती का समय बीत जाने के कारण सोलर इंपल्स को सीधे एयरपोर्ट पर उतार दिया गया। इससे गंगा के घाटों पर जुटी हजारों की भीड़ विशेष विमान को देखने से वंचित रह गई। वहीं विमान का स्वागत करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भी आने की चर्चा रही।

अहमदाबाद से विशेष विमान से सोलर इंपल्स के दूसरे पायलट बारट्रैड पिकार्ड वाराणसी पहुंचे। वह बृहस्पतिवार सुबह इंपल्स को लेकर म्यांमार के लिए रवाना होंगे। वाराणसी में अभियान की मीडिया प्रभारी क्लाउडिया ने बताया कि अहमदाबाद एयरपोर्ट पर कस्टम वजहों के चलते देरी हुई। उन्होंने कहा कि जिस दिन पिकार्ड अहमदाबाद पहुंचे थे तो अति उत्साह में वह अपने इमीग्रेशन कागजात पर स्टैंप लगवाना भूल गए। इस वजह से बुधवार को विलंब हुआ। बाद में यह समस्या ठीक कर ली गई।

सूर्यरथ के पायलट को अहमदाबाद में रोका

अहमदाबाद, [शत्रुघ्न शर्मा]। दुनिया की यात्रा पर निकले विश्व के पहले सौर ऊर्जा चालित विमान इंपल्स-2 के पायलट को पासपोर्ट क्लीयरेंस के लिए हवाईअड्डे पर दो घंटे रोके रखा गया।

गुजरात समेत देश के कई इलाकों में खराब मौसम के कारण 'सूर्यरथ' के अहमदाबाद से वाराणसी जाने में तीन दिन की देरी हुई। मौसम साफ होने के बाद बुधवार तड़के साढ़े पांच बजे जब यह विमान रवाना होने वाला था तो उसी समय इसके पायलट बरटे्रंड पिकार्ड को इमीग्रेशन काउंटर पर ही रोक लिया गया। बताया जा रहा है कि उनके पासपोर्ट पर विभाग की मुहर नहीं लगी थी। जबकि विमान 11 मार्च से सरदार पटेल हवाईअड्डे पर रुका रहा। इसके चलते इंपल्स-2 करीब दो घंटे देरी से सुबह 7.18 बजे उड़ सका। इस बीच हवाईअड्डा के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि एटीसी की ओर से कोई देरी नहीं हुई।

प्रोजेक्ट पर लगे दस साल

दुनिया को स्वच्छ और कार्बन रहित ऊर्जा का संदेश देने के लिए तैयार किए गए इंपल्स-2 के निर्माता और पायलट बरटे्रंड पिकार्ड व आंद्रे बोर्शबर्ग को इस प्रोजक्ट को पूरा करने में दस साल का वक्त लगा। उन्होंने अपना सारा काम छोड़कर इसे पूरा करने का बीड़ा उठाया था।

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