सोलर इंपल्स के पायलट बनाएंगे मानवरहित सौर विमान
सौर ऊर्जा से संचालित विमान सोलर इंपल्स-2 से विश्व भ्रमण का पहला पड़ाव पूरा कर अहमदाबाद में ठहरे दो स्विस पायलटों का कहना है कि वह अब मानवरहित सौर विमान बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
अहमदाबाद । सौर ऊर्जा से संचालित विमान सोलर इंपल्स-2 से विश्व भ्रमण का पहला पड़ाव पूरा कर अहमदाबाद में ठहरे दो स्विस पायलटों का कहना है कि वह अब मानवरहित सौर विमान बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
सोलर इंपल्स परियोजना के सीईओ आंद्र बोर्शबर्ग और उनके साझीदार बारट्रैंड पिकार्ड ने बताया कि सोलर इंपल्स-2 बनाने के बाद अब वह एक और प्रभावशाली प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं। मानवरहित सौर विमान को वह इतना सक्षम बनाएंगे कि वह 20 हजार मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सके। यह विमान सस्ता और मौजूदा मानवरहित विमानों से उपयोगी भी होगा। वह इस विमान को अगले पांच साल में तैयार कर लेंगे।
62 वर्षीय पायलट बोर्शबर्ग ने कहा कि वह स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े नित नए और सृजनात्मक विचारों पर काम करना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि मानवरहित सौर विमान बनाने में मदद के लिए कोई भारतीय कंपनी आगे आए। उल्लेखनीय है कि ड्रोन जैसे यूएवी यानी मानवरहित विमानों का प्राय: उपयोग रक्षा के क्षेत्र में होता है। लेकिन रीचार्ज की जाने वाली बैटरी से संचालित होने के कारण इन विमानों को लंबी दूरी और अधिक ऊंचाई तक नहीं भेजा जा सकता।
बोर्शबर्ग ने कहा कि उनका बनाया सोलर इंपल्स-2 विमान पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलने वाला अपनी तरह का दुनिया का पहला विमान है। उन्होंने कहा कि अब ऐसे सौर विमानों को दो सौ यात्रियों को ले जाने लायक बनाने की जरूरत है। 111 साल पहले जिसने पहला विमान उड़ाया था उसने कभी नहीं सोचा होगा कि ऐसी तकनीक का उपयोग कभी विमान के लिए भी होगा।
लोकसभा में भी सोलर इंपल्स पर चर्चा
मंगलवार को अहमदाबाद उतरे सौर विमान सोलर इंपल्स का जिक्र बुधवार को लोकसभा में भी हुआ। विज्ञान और तकनीक मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि विकास ना सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए जरूरी है। इस वक्त पूरी दुनिया प्रकृति के अत्यधिक दोहन और पर्यावरण परिवर्तन के संकट से जूझ रही है। ऐसे में दिन और रात सौर ऊर्जा से उड़ने वाला सोलर इंपल्स विमान किसी नेमत से कम नहीं है। उन्होंने वैज्ञानिकों और तकनीशियनों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
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