बोफोर्स पर भाजपा हमलावर, स्मृति ने मांगा कांग्रेस से जवाब
केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर सवाल उठाए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के विदेश दौरे के टिकट का भुगतान कथित तौर पर रक्षा दलाल की ओर से किए जाने के बाद भाजपा ने बोफोर्स को भी गरमा दिया है। बुधवार को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को लेकर सवाल उठाए। वहीं कांग्रेस ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार्टर्ड प्लेन से की गई यात्राओं पर जवाब मांगा। कांग्रेस ने दावा किया कि मोदी की बतौर मुख्यमंत्री चार विदेश यात्रा समेत पांच साल में देश में की गई करीब 100 यात्राओं का खर्च अलग-अलग उद्योगपतियों ने उठाया था। भाजपा ने कांग्रेस के इस आरोप को केवल अपने नेताओं के बचाव की कोशिश करार दिया।
मंगलवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाड्रा और रक्षा दलाल संजय भंडारी के रिश्तों पर सवाल पूछा था। यह आरोप भी था कि वाड्रा के विदेश दौरे का खर्च भंडारी ने ही उठाया था।
बुधवार को कांग्रेस ने पलटवार किया। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने गुजरात विधानसभा में नेता विपक्ष अर्जुन मोडवाडिया के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर यह जवाबी हमला बोला। उन्होंने कहा कि रक्षा दलाल संजय भंडारी के जिस कथित ईमेल के आधार पर वाड्रा के एक विदेश दौरे के टिकट भुगतान की बात उठाई जा रही है उसे वाड्रा के वकील फर्जी करार दे चुके हैं। साथ ही विदेश में जिस संपत्ति को खरीदने का प्रचार किया गया उसे भी वाड्रा अपने वकील के जरिए गलत बताते हुए खारिज कर चुके हैं। इसके विपरीत गुजरात सरकार 2007 के बाद नरेंद्र मोदी की यात्राओं को लेकर कोई जानकारी देने से बचती रही है।
सिंघवी ने कहा कि आरटीआई के तहत गुजरात सरकार से 2007 तक की मिली जानकारी के अनुसार बतौर सीएम मोदी ने नवंबर 2006 से जुलाई 2007 के बीच चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और स्वीटजरलैंड की निजी चार्टेड प्लेन से यात्राएं की। इन सब पर कुल मिलाकर उस वक्त के हिसाब से करीब 16.5 करोड रूपये खर्च हुए और इसका भुगतान सरकारी खजाने से नहीं हुआ।
सिंघवी ने आरोप लगाया कि वाड्रा के संजय भंडारी से कथित कारोबारी रिश्ते में कोई सच्चाई नहीं है और सियासी मकसद से भाजपा इसे जीवित रखने की रणनीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि साढे तीन साल में वाड्रा के खिलाफ अगर सबूत हैं तो फिर जांच कर सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की? उनके मुताबिक यह सरकार की नाकामी है। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के वाड्रा को लेकर साधे गए निशाने पर जवाबी वार करते हुए सिंघवी ने कहा कि रक्षामंत्री ने संजय भंडारी को लेकर सच्चाई छुपा ली। उन्होंने कहा कि भंडारी ने 2012 में पाइलेटस विमान की खरीद में डीलर की भूमिका निभाई थी उसे 2015 में पूरा किया गया और रक्षा मंत्रालय ने इसे अपनी उपलब्धि करार दिया। इतना ही नहीं मोदी सरकार ने भंडारी के जरिए ही इसी कंपनी से 38 और विमानों की खरीद का सौदा किया। इससे साफ है कि यूपीए के दौरान हुए सौदे में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ था।
भाजपा की ओर से भी तत्काल नया हमला हुआ और तेज तर्रार मंत्री स्मृति उतरीं। बोफोर्स मामले में प्राइवेट जांचकर्ता माइकल हर्शमैन के एक साक्षात्कार का हवाला देते हुए इरानी ने कहा कि वीपी सिंह को आखिर वित्त से हटाकर रक्षा मंत्री क्यों बनाया गया था। उन्हें रिश्वत भी पेश की गई थी। हर्शमैन के जरिए ही उन्होंने कहा कि मनी लाड्रिंग कर रहे पाकिस्तानी बैंक के एक प्रतिनिधि ने एक सूटकेस के साथ राजीव गांधी से भी मुलाकात की थी। स्मृति ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को इस सवालों का जवाब देना जाहिए।
गौरतलब है कि अगले महीने हिमाचल प्रदेश चुनाव है जबकि अगले कुछ दिनों में गुजरात चुनाव का ऐलान होने वाला है। जाहिर है कि दोनों दलों के बीच बयानबाजी और गर्म हो सकती है।
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