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बोफोर्स मामले में प्राइवेट जासूस के आरोपों की जांच करेगी सीबीआइ

राजीव सरकार में वित्त मंत्री रहे वीपी सिंह ने हर्शमैन की जासूसी फर्म की सेवाएं ली थी। इस बात का पता चलने के बाद राजीव गांधी अत्यंत क्षुब्ध हुए थे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 18 Oct 2017 06:18 PM (IST)Updated: Wed, 18 Oct 2017 06:18 PM (IST)
बोफोर्स मामले में प्राइवेट जासूस के आरोपों की जांच करेगी सीबीआइ
बोफोर्स मामले में प्राइवेट जासूस के आरोपों की जांच करेगी सीबीआइ

नई दिल्ली, प्रेट्र। सीबीआइ ने कहा है कि बोफोर्स घोटाले में प्राइवेट जासूस माइकल हर्शमैन द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगी। प्राइवेट जासूस ने उल्लेख किया है कि तत्कालीन राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने उनकी जांच में गड़बड़ी पैदा की थी। राजीव सरकार में वित्त मंत्री रहे वीपी सिंह ने हर्शमैन की जासूसी फर्म की सेवाएं ली थी। इस बात का पता चलने के बाद राजीव गांधी अत्यंत क्षुब्ध हुए थे।

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अमेरिका स्थित प्राइवेट जासूसी फर्म फेयरफैक्स के अध्यक्ष हर्शमैन ने हाल ही में एक टीवी साक्षात्कार के दौरान दावा किया कि एक स्विस बैंक खाता मोंट ब्लैंक सामने आने के बाद राजीव गांधी क्रोधित हो गए थे। पिछले सप्ताह प्राइवेट जासूसों के एक कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए हर्शमैन नई दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बोफोर्स तोप घोटाले में ली गई रिश्वत की राशि स्विस खाते में रखी गई थी।

सीबीआइ के सूचना अधिकारी एवं प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने एक बयान में कहा है, 'कुछ टीवी चैनलों पर प्रसारित बोफोर्स से संबंधित बातों को एजेंसी ने ध्यान में लिया है। चैनलों पर माइकल हर्शमैन का साक्षात्कार प्रसारित हुआ था। साक्षात्कार में जिन तथ्यों और परिस्थितियों का उल्लेख किया गया उसे सीबीआइ उचित प्रक्रिया में देखेगी।'

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