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टाइटलर को क्लीन चिट देने पर आज विरोध प्रदर्शन करेंगे सिख

वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा मामले में आरोपी वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को तीसरी बार सीबीआइ ने क्लीन चिट देते हुए सत्र अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इस क्लोजर रिपोर्ट पर अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एचएस फुल्का ने कड़ा विरोध जताया है। फुल्का ने कहा

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Thu, 26 Mar 2015 01:14 AM (IST)Updated: Thu, 26 Mar 2015 05:56 AM (IST)
टाइटलर को क्लीन चिट देने पर आज विरोध प्रदर्शन करेंगे सिख

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को 1984 सिख विरोधी दंगे के एक मुकदमे में सीबीआइ की ओर से दी गई क्लीन चिट पर विरोध जताते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन करने का एलान किया है। डीएसजीपीसी का कहना है कि सिख विरोधी दंगे के दौरान हजारों सिखों को साजिश के तहत दिल्ली की गलियों में मारा गया। डीएसजीपीसी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि टाइटलर को क्लीन चिट देकर सिखों के जख्मों पर नमक छिड़का गया है। वहीं, दिल्ली विधानसभा में राजौरी गार्डन के आप विधायक जरनैल सिंह ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सिखों को धोखा दिया है।

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जीके ने कहा कि पुल बंगश के इस मुकदमे में सीबीआइ द्वारा पिछले वर्ष 24 दिसंबर को गुप्त तरीके से कोर्ट में क्लीन चिट दाखिल की गई है। कोर्ट का फैसला आना अभी बाकी है। कोर्ट से इसे खारिज करने की अपील की जाएगी। उन्होंने सीबीआइ पर नानावती आयोग और नरूला कमेटी की रिपोर्टों को भी नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। डीएसजीपीसी के महासचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के बाद इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। आप विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार एक तरफ तो विशेष जांच दल गठित करने की बात कर रही है। दूसरी ओर गुपचुप तरीके से जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट दे रही है। सरकार दिल्ली विधानसभा चुनाव के कारण तीन माह तक इस तथ्य को छिपाए रखी।

टाइटलर को तीसरी बार क्लीन चिट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा मामले में आरोपी वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को तीसरी बार सीबीआइ ने क्लीन चिट देते हुए सत्र अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इस क्लोजर रिपोर्ट पर अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एचएस फुल्का ने कड़ा विरोध जताया है। फुल्का ने कहा कि टाइटलर को क्लीन चिट देते हुए 24 दिसंबर, 2014 को सीबीआइ ने चुपचाप क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को रखी गई है।

फुल्का ने कहा कि इस बारे में उन्हें एक अन्य अधिवक्ता के माध्यम से पता चला है। पीडि़ता को भी अभी इस बारे में कुछ नहीं पता है। सत्र अदालत ने 10 अप्रैल, 2013 को सीबीआइ को सिख विरोधी दंगे में तीन लोगों की हुई हत्या के मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए थे। सीबीआइ ने सत्र अदालत के निर्देश पर यह क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। इससे पहले भी सीबीआइ इस मामले में टाइलटर को दो बार क्लीन चिट दे चुकी है। नई क्लोजर रिपोर्ट कड़कडड़ूमा अदालत के मुख्य महानगर दंडाधिकारी के समक्ष पेश की गई, जिन्होंने इसे अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी सौरभ प्रताप सिंह लालेर की अदालत के लिए चिन्हित किया था। सुनवाई करते हुए अदालत ने शिकायतकर्ता लखविंदर कौर को नोटिस जारी कर मामले में जवाब देने के लिए कहा है। लखविंदर के पति बादल सिंह की दंगों में मौत हो गई थी। अदालत ने कहा कि पिछले रिकार्ड को देखने से पता चलता है कि जगदीश टाइटलर से संबंधित मामला रद करने के लिए पहले भी याचिका दायर हो चुकी है। लखविंदर कौर को नोटिस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए भेजा गया है।

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