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टाइटलर को क्लीनचिट देकर फंसे कैप्टन

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By Edited By: Published: Mon, 21 Apr 2014 08:23 AM (IST)Updated: Tue, 22 Apr 2014 11:31 AM (IST)
टाइटलर को क्लीनचिट देकर फंसे कैप्टन

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। 1984 दंगों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को क्लीनचिट देकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बुरी तरह फंस गए हैं। अमृतसर सीट से कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ रहे अमरिंदर पर जहां भाजपा ने तीखा हमला बोला है, वहीं उनके बयान से नाराज सिख समुदाय के करीब एक हजार लोगों ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर जमकर हंगामा काटा।

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अकाली दल के कार्यकर्ता 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और तख्तियां लेकर कांग्रेस विरोधी नारे लगाए। उनकी पुलिस से झड़प भी हुई जिन्होंने उन्हें रोकने के लिए बैरिकैड लगाई थी। प्रदर्शनकारियों का हंगामा बढ़ते देख पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। बाद में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर पुलिस ने छोड़ दिया। यह प्रदर्शन उस समय हुआ, जबकि अंदर कांग्रेस की दैनिक प्रेसवार्ता चल रही थी।

गौरतलब है कि एक टीवी चैनल में अमरिंदर ने कहा था कि उन्हें लगता है कि 1984 की हिंसा में जगदीश टाइटलर की कोई भूमिका नहीं थी। हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अमरिंदर के ऐसे किसी भी बयान से अनभिज्ञता जता दी। अलबत्ता वह आदतन मीडिया पर तोहमत जड़ने से नहीं चूके और कहा कि मीडिया गलत तरीके से इस मामले को उठा रहा है। जाहिर तौर पर पंजाब में चुनाव से पहले कैप्टन के इस बयान पर पहले ही मुश्किलों में घिरी कांग्रेस खुद को असहज पा रही है।

इस बीच भाजपा ने इस मौके को लपकते हुए तत्काल अमरिंदर और कांग्रेस को सिख दंगों के ऊपर घेरा। अमृतसर से भाजपा प्रत्याशी व राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने पहले ही अमरिंदर पर तीखा हमला बोला था। यहां दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया कि 'आठ हजार सिखों को जब दिल्ली में मारा गया तो जिस पुलिस ने एक गोली नहीं चलाई, वह पुलिस आज प्रदर्शन कर रहे सिखों पर बर्बरता दिखा रही है।' इसके साथ ही लेखी ने कांग्रेस पर सिख दंगों के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 1984 के दंगों के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जस्टिस रंगनाथ आयोग बनाया था, जिसने सबको क्लीनचिट दे दी थी। इसके बाद उसी सरकार ने जस्टिस रंगनाथ मिश्र को राज्यसभा भेजा था। बाद में जब राजग की सरकार आई तो जस्टिस नानावटी आयोग की जांच बैठाई गई थी। उसी के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई थी।

''अमरिंदर सिंह पापियों के वकील हैं। कैप्टन को कोई अधिकार नहीं कि वह दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी जगदीश टाइटलर को क्लीनचिट दें। सिख दंगे देश के माथे पर धब्बा हैं।'' -अरुण जेटली

''मैंने टाइटलर को क्लीनचिट नहीं दी। सिर्फ वही कहा है जो 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दंगों के तुरंत बाद लोगों से सुना था। मैं ये बात पिछले 30 सालों से कहता आ रहा हूं।''

-कैप्टन अमरिंदर सिंह


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