उप मुख्यमंत्री पद के लिए अड़ी शिव सेना
महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार में शिव सेना को शामिल करने को लेकर फंसा पेंच सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। शिव सेना उप मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ी हुई है।
मुंबई। महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार में शिव सेना को शामिल करने को लेकर फंसा पेंच सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। शिव सेना उप मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ी हुई है। उसने भाजपा नेताओं के साथ चल रही बातचीत में साफ अल्टीमेटम दे दिया है कि उसे सरकार में शामिल करने का फैसला विश्वास मत से पहले ले लिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता तो वह विश्वास मत पर मतदान के समय सरकार का समर्थन नहीं करेगी।
शिव सेना को मिल सकते हैं 10 या 11 मंत्री पद
हालांकि शिव सेना गठबंधन सरकार में अपने मंत्रियों की संख्या भाजपा से आधा रखने पर सहमत हो गई है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, फणनवीस मंत्रिमंडल में कुल 32 या 33 सदस्य हो सकते हैं। इस लिहाज से अगर भाजपा के 22 मंत्री होते हैं तो शिव सेना के कोटे से 10 या 11 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है।
भाजपा आशान्वित
वैसे तमाम किचकिच के बावजूद फड़नवीस सरकार में वरिष्ठ मंत्री सुधीर मुनगंटीवार शिव सेना से गठबंधन को लेकर आशान्वित है। उन्होंने कहा कि शिव सेना से बातचीत सकारात्मक तरीके से चल रही है।
ऐसे बनी बात
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री फड़नवीस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर भाजपा के साथ रिश्ते पुन: जोड़ने की इच्छा दर्शा दी थी। इसके बाद पार्टी के प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा, 'अड़चन समाप्त हो गई है। शिवसेना-भाजपा अब राज्य को स्थिर सरकार दे सकती हैं।' इसी तरह मुनगंटीवार का भी कहना है कि शिवसेना के साथ सकारात्मक बातचीत जारी है। माना जा रहा है कि भाजपा भी शिवसेना को सरकार में शामिल करने के मुद्दे को और ज्यादा तूल नहीं देना चाहती। इसीलिए उसने शपथ ले चुके मंत्रिंयों के विभाग का बंटवारा अभी तक नहीं किया है।
बहुमत साबित करने को लेकर आश्वस्त
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल भाजपा विधायकों की संख्या 121 है। इस प्रकार आंकड़ों के लिहाज से वह साधारण बहुमत से 24 अंक दूर है। विश्वास मत के दौरान फड़नवीस सरकार को 145 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। शिवसेना के 63 विधायकों का समर्थन अगर उसे मिल जाता है तो फिर वह आसानी से सदन में बहुमत साबित कर देगी। नहीं तो उसे 41 सदस्यों वाली राकांपा के रुख पर निर्भर रहना पड़ेगा, जिसने पहले ही घोषणा कर रखी है कि अगर वोटिंग की नौबत आई तो वह विश्वास मत पर मतदान के दौरान सदन का बहिष्कार करेगी। शायद यही कारण है कि भाजपा नेता बहुमत साबित करने को लेकर आश्वस्त हैं। सुधीर मुनगंटीवार के अनुसार, 'विश्वास मत हासिल करने के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या बल है।'
12 को विश्वास मत
महाराष्ट्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के अनुसार विश्वास मत हासिल करने के लिए सरकार 10-11-12 नवंबर को विधान सभा का विशेष अधिवेशन बुलाने जा रही है। इसमें पहले दो दिन नवनिर्वाचित विधायकों की शपथ के बाद 12 नवंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव एवं विश्वास मत पर मतदान होगा।
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