शीना हत्याकांड : जांच में मारिया की भूमिका मुकम्मल करेगी सरकार
राकेश मारिया को मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के दो दिन बाद भी हाई प्रोफाइल शीना हत्याकांड की जांच में उनकी भूमिका को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
मुंबई । राकेश मारिया को मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के दो दिन बाद भी हाई प्रोफाइल शीना हत्याकांड की जांच में उनकी भूमिका को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार अब उन कानूनी प्रक्रियाओं पर काम कर रही है, जिससे मारिया को जांच के वैधानिक अधिकार दिए जा सकें।
मालूम हो कि सरकार ने अचानक ही मंगलवार को मारिया को महानिदेशक होम गार्ड्स) पद पर पदोन्नत कर मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया था। उनकी जगह वरिष्ठ डीजी रैंक के अधिकारी अहमद जावेद को लाया गया। लेकिन सरकार के इस फैसले के समय और कारण को लेकर सवाल उठने लगे। बाद में गृह विभाग ने उसी दिन शाम स्पष्ट किया कि मारिया शीना हत्याकांड की जांच में पर्यवेक्षकीय भूमिका निभाते रहेंगे।
इस बीच गृह विभाग के मुताबिक, जांच आगे बढ़ाने के लिए मारिया को वैधानिक हैसियत प्रदान करने के लिए कुछ प्रक्रियागत संशोधनों की आवश्यकता होगी, जिसे जल्द पूरा किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केपी बख्शी ने यह जानकारी इस सवाल के जवाब में दी कि जांच का नेतृत्व कौन करेगा तथा क्या मारिया को आधिकारिक तौर पर सूचित किया गया है। नए पुलिस आयुक्त जावेद ने इस मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया।
दूसरी ओर, इस मामले में अब मारिया की भूमिका को लेकर कानूनी स्थिति के बारे में पूर्व आईपीएस अधिकारी तथा वकील वाईपी सिंह का कहना है कि डीजीपी (होमगार्ड्स) का पद महाराष्ट्र पुलिस से बाहर का है। इस स्थिति में मारिया को वैधानिक तौर पर पुलिस के अधिकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी, 1973 की धारा 36 के तहत सिर्फ पुलिस के ही वरिष्ठ अधिकारी को अपनी नियुक्ति वाले क्षेत्र में जांच करने का वैधानिक अधिकार होता है। इसलिए जब तक सरकार मारिया को उनके क्षेत्राधिकार को लेकर जरूरी अधिसूचना जारी नहीं करती तब तक उनके लिए जांच की निगरानी करना कानूनी दृष्टि से सही नहीं होगा।