राकेश मारिया ही करेंगे शीना बोरा हत्याकांड की जांच
मुंबई का चर्चित शीना बोरा हत्याकांड जितना उलझा है इसकी जांच कर रहे राकेश मारिया का मामला भी अचानक उतना ही पेंचीदा हो गया। मंगलवार की दोपहर पहले उन्हें समय पूर्व प्रोन्नति देकर डीजी होमगार्ड बना दिया गया। जिससे उनके हाथ से शीना मामले की जांच निकल गई। लेकिन महाराष्ट्र
मुंबई, राज्य ब्यूरो। मुंबई का चर्चित शीना बोरा हत्याकांड जितना उलझा है इसकी जांच कर रहे राकेश मारिया का मामला भी अचानक उतना ही पेंचीदा हो गया। मंगलवार की दोपहर पहले उन्हें समय पूर्व प्रोन्नति देकर डीजी होमगार्ड बना दिया गया। जिससे उनके हाथ से शीना मामले की जांच निकल गई। लेकिन महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले पर चहुंओर से सवाल उठने पर उन्हें वापस इस जघन्य अपराध की जांच सौंप दी गई। हालांकि मारिया डीजी होमगार्ड के पद पर ही बने रहेंगे।
मंगलवार को देर शाम महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने ऐलान किया कि राकेश मारिया शीना बोरा हत्याकांड की जांच पूरी होने तक इस मामले की अगुवाई करेंगे। जबकि इससे पूर्व, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने अपनी जापान यात्रा पर रवाना होने से पहले पुलिस आयुक्त राकेश मारिया की प्रोन्नति के साथ ही तबादले के कागज पर हस्ताक्षर कर दिए थे। जबकि 58 वर्षीय राकेश मारिया की पदोन्नति 30 सितंबर को तय थी, लेकिन उन्हें 22 दिन पहले ही प्रमोशन दिया गया। उन्हें तत्काल अपनी जिम्मेदारी अब तक महानिदेशक होमगार्ड रहे अहमद जावेद को सौंपने एवं स्वयं उनके स्थान पर महानिदेशक होमगार्ड का पद संभालने के निर्देश दिए गए। वहीं, जावेद अहमद को नया पद सौंपते हुए मुंबई पुलिस कमिश्नर पद को भी अपग्रेड कर डीजी रैंक का किया गया।
शीना बोरा हत्याकांड की जांच में जुटे राकेश मारिया ने खुद ही आइएनएक्स की पूर्व सीईओ इंद्राणी मुखर्जी समेत तीनों आरोपियों से घंटों पूछताछ की थी। सोमवार को उन्होंने कहा था कि वह शीना कांड को आरुषि कांड नहीं बनने देंगे। वह 30 सितंबर से पहले मामले को अंजाम तक पहुंचा देंगे।
सरकार की मंशा पर सवाल
राकेश मारिया के स्थानांतरण का खुलासा होने के बाद ही सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होने लगे थे। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) केपी बख्शी का यह तर्क आम लोगों के गले नहीं उतरा कि मुंबई में नया पुलिस आयुक्त अगले हफ्ते शुरू हो रहे गणेशोत्सव की तैयारियों के लिए लाया गया है। चूंकि पुलिस आयुक्त पद पर मारिया का कार्यकाल गणेशोत्सव की समाप्ति के तीन दिन बाद खत्म हो रहा था। इस बीच, कई लोगों की बयानबाजी ने मारिया और सरकार दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त एवं भाजपा सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह ने राकेश मारिया को पीटर मुखर्जी का मित्र बताया। दूसरी ओर, मारिया की पदोन्नति से सरकार पर आरोप लगने लगा कि वह मारिया को इस मामले से हटाकर कुछ छिपाना चाहती है।
मारिया के समर्थन में आई राकांपा
राजनीतिक हलकों में राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार का करीबी माने जाने वाले राकेश मारिया के समर्थन में राकांपा ने आरोप लगाया कि उनका तबादला केंद्र के दबाव में किया गया। ताकि आइएनएक्स मीडिया की पूर्व संस्थापक इंद्राणी के मनी लांड्रिंग से जुड़ी जांच को रोका जा सके। राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि पीटर और इंद्राणी ने आइएनएक्स का 500 करोड़ रुपया सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका की विदेशी कंपनियों में लगा रखा है।
की है आतंकी हमलों की जांच
1981 बैच के आइपीएस अधिकारी राकेश मारिया को 15 फरवरी, 2014 को मुंबई का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। 12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध विस्फोटों की जांच पुलिस उपायुक्त के रूप में उनके जिम्मे थी। 26 नवंबर, 2008 के आतंकी हमले के समय वह संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) थे। वह महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
संजीव खन्ना 21 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में
इसी बीच हत्याकांड की मुख्य अभियुक्त इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति संजीव खन्ना को 8 सितंबर को बांद्रा मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे 21 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। हालांकि आरोपी संजीव खन्ना की रिमांड अवधि 7 सितंबर को ही खत्म होने पर भी कोर्ट में पेश न करने पर मुंबई पुलिस उलझ गई है।
खन्ना की रिमांड 7 को ही खत्म हो गई थी, लेकिन पुलिस उसे लेकर कोलकाता चली गई। खन्ना के वकील ने इसे अवैध हिरासत बताते हुए अर्जी दायर कर दी। इस पर जज जीआर तऊर ने खार पुलिस थाने से रिकॉर्ड बुलवाया है। इस अर्जी पर 10 सितंबर को सुनवाई होगी।