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टूट नहीं रहे थे कचौरी-लड्डू, शताब्दी में यात्रियों ने किया हंगामा

कचौरी इतनी सख्त थी कि हलक से नीचे नहीं उतरी और लड्डू चबाने पर दांत टूटने को आ गए। मंगलवार शाम नई दिल्ली से अमृतसर आ रही शताब्दी एक्सप्रेस के यात्रियों को घटिया खाना मंजूर नहीं था। इस पर उन्होंने जमकर हंगामा किया। ट्रेन के कोच नंबर सी-5 में यात्रा कर

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Wed, 06 May 2015 11:49 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 03:03 PM (IST)

जालंधर, जागरण संवाददाता। कचौरी इतनी सख्त थी कि हलक से नीचे नहीं उतरी और लड्डू चबाने पर दांत टूटने को आ गए। मंगलवार शाम नई दिल्ली से अमृतसर आ रही शताब्दी एक्सप्रेस के यात्रियों को घटिया खाना मंजूर नहीं था। इस पर उन्होंने जमकर हंगामा किया।

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ट्रेन के कोच नंबर सी-5 में यात्रा कर रहे अशोक मक्कड़ निवासी जालंधर, कपिल खुराना निवासी अमृतसर एवं अन्य ने बताया कि ट्रेन चलते ही मिली चाय की ट्रे में इतनी घटिया खाद्य सामग्री शामिल थी, जिसे खा पाना असंभव था। सॉस की जगह इमली घोलकर दे दी गई थी और स्टाफ समस्या हल कर पाने में असमर्थ था। अंबाला के पास करीब साढ़े आठ बजे खाना परोसा गया तो कचौरी और लड्डू टूट नहीं रहे थे। जब यात्रियों का सब्र टूटा और शिकायत पुस्तिका मांगी तो उन्हें सुझाव पुस्तिका थमा दी गई। इस पर पहले से ही कई यात्रियों ने खाने को लेकर अनगिनत शिकायतें लिखी हुई थीं। यात्री जब और भड़के तो ट्रेन सुपङ्क्षरटेंडेंट को बुलाया गया तो उन्होंने रेलवे के टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने को कहा। यात्री बार-बार नंबर मिलाते रहे, लेकिन किसी ने नहीं उठाया। इसके बाद यात्रियों का रोष देखते हुए शिकायत पुस्तिका मुहैया करवाई गई, जिस पर यात्रियों ने घटिया खाद्य सामग्री के बारे में लिखा।

कपिल खुराना ने बताया कि यात्री रेलवे सेवा के कतई खिलाफ नहीं हैं, लेकिन ट्रेन में उपलब्ध कैटङ्क्षरग निम्न स्तरीय है, जिसके तहत यात्रियों को बेवकूफ बनाने की कोशिश की जा रही है।

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