अगले हफ्ते नई टीम का एलान कर सकते हैं शाह
झारखंड और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से फारिग होने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी संगठन के पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित किया है। अगले हफ्ते महासचिवों और उपाध्यक्षों के खाली पद भरने के साथ ही वह पार्टी प्रकोष्ठों को भी पुनर्गठित कर सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में कई वरिष्ठ
नई दिल्ली। झारखंड और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से फारिग होने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी संगठन के पुनर्गठन पर ध्यान केंद्रित किया है। अगले हफ्ते महासचिवों और उपाध्यक्षों के खाली पद भरने के साथ ही वह पार्टी प्रकोष्ठों को भी पुनर्गठित कर सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में कई वरिष्ठ नेताओं के सरकार में शामिल होने के बाद महासचिवों के आधे से ज्यादा पद खाली हैं। संगठन के पुनर्गठन के बाद जनवरी में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बेंगलुरु में हो सकती है।
पिछले महीने मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी के तीन महासचिव जेपी नड्डा, राजीव प्रताप रूड़ी और रामशंकर कठेरिया सरकार में शामिल हो गए थे। इस कारण महासचिवों की संख्या चार तक सिमट गई है। पार्टी संगठन में महासचिवों के कुल 10 पद हैं। रघुवर दास के झारखंड का मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका उपाध्यक्ष पद भी खाली हो जाएगा, जबकि उपाध्यक्ष रहे बंगारू दत्तात्रेय और मुख्तार अब्बास नकवी भी सरकार में शामिल हो गए हैं। ऐसे में नए नेताओं को संगठन में अहम पदों पर लाना जरूरी हो गया था।
इससे पहले जुलाई में पार्टी अध्यक्ष पद संभालने के बाद शाह ने संगठन का पुनर्गठन किया था। लेकिन, उस समय भी महासचिवों और उपाध्यक्षों के सभी पद नहीं भरे गए थे। यही नहीं, उस वक्त पार्टी के प्रकोष्ठों का पुनर्गठन नहीं किया गया था। सूत्रों की मानें तो अगले सप्ताह शाह कभी भी अपनी नई टीम का एलान कर सकते हैं। जिन लोगों के महासचिव बनने के कयास लगाए जा रहे हैं, उनमें ओम माथुर का नाम सबसे ऊपर है।
मुख्तार अब्बास नकवी के सरकार में जाने के बाद संगठन में कोई मुस्लिम चेहरा नहीं है। ऐसे में शाहनवाज हुसैन को संगठन में जगह मिल सकती है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार संगठन के पुनर्गठन के बाद जनवरी में बेंगलुरु में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी।