झारखंड और देश को मिले तोहफों का आम लोगों को यह होगा लाभ
इस साल देशभर के दस लाख ग्रामीण युवाओं को सूचना तकनीक की बेसिक जानकारी से लैस कराने की योजना है। झारखंड की बात करें तो इस साल 20 हजार ग्रामीण युवाओं को आइटी साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच प्रखंडों में बीस हजार युवाओं को आइटी का बेसिक प्रशिक्षण प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से दिया जाएगा।
रांची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रांची में न सिर्फ झारखंड बल्कि देश को छह तोहफे दिए। देखें ये तोहफे हमारे लिए कितने उपयोगी हैं।
बेड़ो में देश की सबसे बड़ी ट्रांसमिशन लाइन :
-देश के किसी भी हिस्से से बिजली भेजी, मंगवाई जा सकेगी
-एशिया के दस बड़े ग्रिडों में यह एक
-पावर ग्रिड की क्षमता 765/400 केवी
-375 करोड़ रुपये की लागत
-90.4 एकड़ जमीन में बना है
-क्षमता 765/400 केवी
- पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का है प्रोजेक्टव
कर्णपुरा की बिजली से देश के कई हिस्से होंगे रोशन :
- यहां पावर प्लांट के तीन यूनिट लगाए जाएंगे जिनसे 1980 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
-चतरा स्थित कर्णपुरा में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड कराएगा निर्माण
-इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था लेकिन उसके बाद विभिन्न कारणों से इसका काम आगे नहीं बढ़ सका
-अधिग्रहित भूमि 22 सौ एकड़
-प्रभावित गांव -टंडवा, गाड़ीलौंग, राहम, कमता, दुंदुआ व नई पारम
-शिलान्यास के समय प्राक्कलित राशि-14 हजार करोड़
नेशनल डिजिटल लिट्रेसी मिशन की लांचिंग :
प्रधानमंत्री ने किया नेशनल डिजिटल लिटरेसी मिशन का शुभारंभ। इसके तहत इस साल देशभर के दस लाख ग्रामीण युवाओं को सूचना तकनीक की बेसिक जानकारी से लैस कराने की योजना है। झारखंड की बात करें तो इस साल 20 हजार ग्रामीण युवाओं को आइटी साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच प्रखंडों में बीस हजार युवाओं को आइटी का बेसिक प्रशिक्षण प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से दिया जाएगा। एससी, एसटी के लिए यह कार्यक्रम नि:शुल्क होगा जबकि अन्य को 25 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करना होगा। पांच प्रखंडों में 14 हजार युवाओं को प्रारंभिक स्तर का आइटी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जबकि छह हजार युवाओं को द्वितीय स्तर का आइटी प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। लाभुकों का चयन सर्वे के माध्यम से होगा। प्रखंडों का चयन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। बाद में इसे सभी प्रखंडों में शुरू की जाने की योजना है।
साफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के विस्तार पटल का शिलान्यास :
रांची में पूर्व से कार्यरत साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क के विस्ताीर पटल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया शिलान्यास। इसके तहत यहां आइटी कंपनियों को इनोवेशन फैसिलिटी दी जाएगी यानी यहां पर छात्र साफ्टवेयर कंपनियों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट का काम करेंगे। साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क के लिए राज्य बजट में इस साल 20 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं। राज्य में केंद्र के सहयोग से देवधर व बोकारो में भी साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क स्थापित किया जाएगा। इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। वहीं, जमशेदपुर तथा धनबाद में साफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क का निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू होगा।
नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ इलेक्ट्रानिक एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी की शाखा का ऑनलाइन शिलान्यास :
राज्य के सरकारी विभागों, अधीनस्थ व क्षेत्रीय कार्यालयों के पदाधिकारियों व कर्मियों की आइटी क्षेत्र में कैपेसिटी बिल्डिंग पर भी जोर है। इसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार के सूचना तकनीक मंत्रालय के अधीन एक सोसायटी के रूप में कार्य कर रहे संस्थान नेशनल इंस्टीच्यूट आफ इलेक्ट्रानिक एंड इनफारमेशन टेक्नोलाजी' (एनआइइएलआइटी) को दी जाएगी। राच्य में इस संस्थान की शाखा खुलेगी, प्रधानमंत्री ने गुरुवार को इसका शिलान्यास किया। अस्थायी रूप से इसकी स्थापना रियाडा भवन में होगी, जबकि स्थायी निर्माण के लिए पिठौरिया में जमीन चिह्नित की गई है। यह संस्थान राच्य में कैपेसिटी बिल्डिंग का काम करेगा। इसके लिए संस्थान द्वारा कई तरह के पाठ्यक्त्रम संचालित किए जाएंगे। नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन के तहत भी ग्रामीण स्तर पर युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा। संस्थान की फिलहाल 19 राच्यों में 29 शाखाएं हैं। इसके द्वारा इन्फारमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं देने, हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट निर्माण को लेकर भी कई पाठ्यक्त्रम संचालित किए जाते हैं। राच्य सरकार ने अपने पदाधिकारियों व कर्मियों के लिए आइटी साक्षर होना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए आनलाइन परीक्षा की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, जिसे उत्तीर्ण करने के बाद ही उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा। इस परीक्षा के संचालन की भी जिम्मेदारी एनआइइएलआइटी को दी गई है।
इंडियन ऑयल के जसीडीह आयल टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित :
अभी झारखंड के ज्यादातर डिपो में बिहार के बरौनी स्थित रिफाइनरी से सीधे होती है सप्लाई। इससे ट्रांसपोर्टिंग कास्ट बढ़ती है, जिसका भार जनता को वहन करना पड़ता है। उम्मीद की जा रही है कि इस आयल टर्मिनल से झारखंड और सीमावर्ती इलाकों को राहत मिलेगी। जनता को भी कम मूल्य पर पेट्रोल और डीजल उपलब्ध हो सकता है।