शशिकला को बेंगलुरु से चेन्नई जेल लाने की कोशिश में जुटे उनके वकील
एआइडीएमके की महासचिव शशिकला के वकील ने उन्हें बेंगलुरु सेंट्रल जेल से चेन्नई सेंट्रल जेल भेजने की अपील की है।
नई दिल्ली(जेएनएन)। आय से अधिक संपत्ति मामले में बंगुलरु की पाराप्पना अग्ररहारा जेल में सजा काट रहीं एआइडीएमके की महासचिव शशिकला के वकील ने उन्हें शिफ्ट करने की अर्जी लगाई है। बताया जा रहा है कि शशिकला से जुड़े लोग चाहते हैं कि उन्हें बेंगलुरु की जगह चेन्नई सेंट्रल जेल में भेज दिया जाए।
जानकारों का मानना है कि यह सब इतना आसान भी नहीं होगा, क्योंकि आय से अधिक संपति रखने के मामले में दोषी शशिकला को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेल भेजा गया है। ऐसे में बिना सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के शशिकला को बंगलुरु की जेल से कहीं ओर शिफ्ट नहीं किया जा सकता।
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एआईएडीएमके के वरिष्ठ पदाधिकारी इस संबंध में कुछ बोलने से बच रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि फिलहाल हम इस स्थिति में नहीं हैं कि इस खबर को नकार सके या स्वीकार कर सकें। हां, इतना जरूर कहा जा सकता है कि हम सब शशिकला को बंगलुरु से चेन्नई शिफ्ट करवाना चाहते हैं।
पार्टी प्रवक्ता अवादी कुमार का कहना है,'यह एक योग्य केस है और हमारे वकील पूरे अधिकार के साथ इसकी मांग कर रहे हैं। कानून के तहत प्रावधान के अनुसार शशिकला को शिफ्ट करने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।'
आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 14 फरवरी को शशिकला और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ अपना फैसला सुनाया था।
ऐसे में शशिकला को बंगलुरु से दूसरी जेल ट्रांसफर करवाने के लिए पहले उस जेल के अधीक्षक और कर्नाटक के कानून मंत्री के समक्ष आवेदन करना होगा। शशिकला के वकील एनडीएस कुलाशेखरन ने बताया कि यह दो राज्यों के बीच का मामला है, इसलिए हम अपनी याचिका पहले कर्नाटक सरकार के समक्ष पेश करेंगे।
हालांकि हम अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं जिसमें शशिकला की ओर से सीधे कर्नाटक सरकार के समक्ष भी आवेदन किया जा सकता है और इसके लिए कोर्ट का रुख भी किया जा सकता है।
वहीं इस पूरे मामले में सरकारी वकील रहे बीवी आचार्य ने बताया कि जेल नियमों के अनुसार कैदियों की अदला बदली का मामला दोनों जेलों के वरिष्ठ अधिकारियों की आपसी सहमति से जुड़ा है। लेकिन शशिकला का मामला अलग है, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद चेन्नई जेल भेजा गया है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बगैर उनका ट्रांसफर दूसरी जेल के लिए संभव नहीं लगता। अगर कोई ऐसा करता है तो इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
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