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RTI से मिली जानकारी, PM के आवास 7 RCR से बड़ा है 10 जनपथ

पीएम के निवास स्थान और सोनिया गांधी के निवास स्थान में कौन बड़ा है,यकीकन जवाब यही होगा कि देश के पीएम का निवास स्थान सबसे बड़ा होगा। लेकिन आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक 10 जनपथ, पीएम के निवास स्थान 7 आरसीआर से बड़ा है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2015 08:25 AM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2015 01:54 PM (IST)
RTI से मिली जानकारी, PM के आवास 7 RCR से बड़ा है 10 जनपथ

नई दिल्ली। 7 आरसीआर और 10 जनपथ में सबसे बड़ा कौन है इस सवाल का जवाब बेहद ही आसान है। 7 आरसीआर यानि प्रधानमंत्री का निवास स्थान। लेकिन ये आप को जानकार हैरानी होगी कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का निवास स्थान 10 जनपथ पीएम के निवास स्थान से क्षेत्रफल में बड़ा है। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी का निवास स्थान 10 जनपथ 15,181 वर्ग मीटर में फैला है, जबकि 7 आरसीआर 14,101 वर्ग मीटर में है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का निवास का क्षेत्रफल सोनिया गांधी के आवास से ज्यादा है। लेकिन फर्क ये है कि दोनों आधिकारिक निवास के तौर पर जाने जाते हैं। लेकिन सोनिया गांधी को आवंटित निवास का क्षेत्रफल आम सांसदों को मिले आवास से काफी बड़ा है।

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राष्ट्रपति का निवास करीब 320 एकड़ में फैला है जो दुनिया के किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के आवास से काफी बड़ा है। जबकि उपराष्ट्रपति का निवास स्थान 6 मौलाना आजाद रोड 26,333.49 वर्ग मीटर में फैला है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के निवास स्थान 12 तुगलक लेन का क्षेत्रफल 5022 वर्ग मीटर में है। प्रियंका गांधी का आवास 34 लोधी स्टेट 2765 वर्ग मीटर में फैला है।

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आरटीआई एक्टिविस्ट देव आशीष भट्टाचार्य के मुताबिक दिल्ली सरकार को प्रियंका गांधी वाड्रा से जुड़ी संपत्ति की जानकारी को सार्वजनिक करने में किसी तरह की आपत्ति नहीं है। लेकिन हिमाचल सरकार ने जानकारी साझा करने में आपत्ति दर्ज की थी। यहां तक कि प्रियंका गांधी ने खुद भी अपनी संपत्ति सार्वजनिक किए जाने पर गंभीर विरोध दर्ज कराया था।

क्या खास है 7 आरसीआर में

1. 7 आरसीआर भारत के प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास स्थान है।

2. आधिकारिक तौर इसे पंचवटी के नाम से जाना जाता है।

3. 7 आरसीआर करीब 12 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें बने बंगलों की डिजाइन रॉबर्ट आर रसेल ने की थी जो एडवर्ड लुटियन की टीम के एक सदस्य थे।

4. 7 आरसीआर को साल 1980 में बनाया गया था, इसमें पांच बंगले हैं। बंगला नंबर 1,3,5,7,9 में से बंगला नंबर 5 में पीएम का निवास है। जबकि बंगला नंबर 7 से वो आधिकारिक काम करते हैं।

5. बंगला नंबर 1 पर बने हेलीपैड का इस्तेमाल 2003 से किया जा रहा है। बंगला नंबर 9 स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के लिए आवंटित है।

6. पीएम का कार्यालय 7 आरसीआर में नहीं है, बल्कि साउथ ब्लॉक के सचिवालय में उनका कार्यालय है। हालांकि सरकारी बैठकों के लिए पीएम एक कॉन्फ्रेंस रूम का इस्तेमाल करते हैं।

7. पंचवटी का निर्माण अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान किया गया था।

8. 7 आरसीआर को नो फ्लाई जोन में रखा गया है। इसका मतलब ये है कि इस इलाके के एयर स्पेस को आम विमान इस्तेमाल नहीं कर सकते।

9. पूर्व पीएम राजीव गांधी ने 1984 में इसे अपना निवास बना लिया। साल 1989 में वी पी सिंह ने 7 आरसीआर को आधिकारिक आवास का दर्जा दिया। आई के गुजराल ने इसे पीएम ऑफिस के तौर पर इस्तेमाल किया।

क्या खास है 10 जनपथ में

1. 10 जनपथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का निवास स्थान है।

2. भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री अपने कार्यकाल के दौरान 10 जनपथ में रहा करते थे।

3. 15,181 वर्ग मीटर में 10 जनपथ फैला हुआ है।

2004 से 2014 तक सत्ता के दो केंद्र

साल 2004 का आम चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण था। विदेशी मूल और शाइनिंग इंडिया की लड़ाई में एनडीए को कड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस की अगुवाई में यूपीए दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई। राजनीतिक हल्कों में ये कयास लगाए जाने लगे कि सरकार की कमान सोनिया गांधी खुद अपने हाथों में ले लेंगी। अन्तरात्मा के आधार पर लिए गए एक फैसले ने समकालीन राजनीति में एक बड़ी शख्सियत के तौर पेश किया। मशहूर अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह के हाथों में देश की कमान आई। लेकिन ये सवाल भी उठने लगे कि देश पर अब 7 आरसीआर की आड़ में 10 जनपथ की चलेगी। सरकार के मुखिया भले ही डॉ मनमोहन सिंह हों वो 10 जनपथ के इशारों को कभी नजरअंदाज नहीं कर सकेंगे।

क्या 10 जनपथ की होगी वापसी

वैसे तो साल 2019 अभी बहुत दूर है लेकिन राजनीतिक हल्कों में ये चर्चा गरम है कि कांग्रेस अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को वापस पाने के लिए पूरजोर कोशिश कर रही है। कांग्रेस कभी लैंड बिल के जरिए तो कभी भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाकर भारतीय जनमानस में अपनी आभा को बिखेरने में जुटी है, लेकिन 10 जनपथ और 7 आरसीआर के बीच की दूरी को पाटने में अहम भूमिका तो लोकतंत्र की राजा यानि जनता ही तय करेगी।


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