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जानिए, क्‍यों सरकार ने एनजीओ से वसूला 5 करोड़ रुपये

आय-व्यय का ब्योरा दाखिल नहीं करने पर पिछले तीन वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार पहले ही दस हजार से ज्यादा एनजीओ के पंजीकरण रद कर चुकी है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 23 Oct 2017 08:20 AM (IST)Updated: Mon, 23 Oct 2017 08:20 AM (IST)
जानिए, क्‍यों सरकार ने एनजीओ से वसूला 5 करोड़ रुपये
जानिए, क्‍यों सरकार ने एनजीओ से वसूला 5 करोड़ रुपये

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से जुर्माने के तौर पर करीब पांच करोड़ रुपये वसूले हैं। ये एनजीओ अपने वार्षिक आय और व्यय का ब्योरा समय पर दाखिल करने में असफल रहे थे। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत सभी एनजीओ के लिए प्रतिवर्ष 31 दिसंबर तक अपने आय-व्यय का ब्योरा दाखिल करना अनिवार्य है।

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इस तिथि के बाद, लेकिन इसके 90 दिनों के भीतर ब्योरा दाखिल करने पर वित्तीय वर्ष में हासिल धनराशि का दो प्रतिशत या 10 हजार रुपये (इनमें से जो अधिक हो) जुर्माने के रूप में अदा करना होता है। निर्धारित तिथि बीत जाने के 90 दिनों के बाद, लेकिन 180 दिनों के भीतर ब्योरा दाखिल करने पर वित्तीय वर्ष में हासिल धनराशि का तीन प्रतिशत या 20 हजार रुपये (इनमें से जो अधिक हो) जुर्माने के रूप में अदा करना होता है।

निर्धारित तिथि बीत जाने के 180 दिनों के बाद ब्योरा दाखिल करने पर वित्तीय वर्ष में हासिल धनराशि का पांच प्रतिशत या 50 हजार रुपये (इनमें से जो अधिक हो) जुर्माने के रूप में अदा करना होता है। इसके अलावा विलंब शुल्क के रूप में 500 रुपये प्रतिदिन भी अदा करने होते हैं।

आय-व्यय का ब्योरा दाखिल नहीं करने पर पिछले तीन वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार पहले ही दस हजार से ज्यादा एनजीओ के पंजीकरण रद कर चुकी है। इसके अलावा एफसीआरए के विभिन्न प्रावधानों का कथित रूप से उल्लंघन करने की वजह से सरकार 1,300 से ज्यादा एनजीओ के पंजीकरण का नवीनीकरण करने से भी इनकार कर चुकी है। गृह मंत्रालय ने करीब 6,000 एनजीओ को कोर बैंकिंग सुविधाओं वाले बैंकों में खाते खोलने और सुरक्षा एजेंसियों को उनका विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया है।

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