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नियमों के पालन से सड़क हादसों में आएगी कमी

बिना लाइसेंस और आवश्यक ज्ञान के वाहन चलाने पर हादसों में इनकी और दूसरों की जान को खतरा रहता है। अभिभावकों को इस पर अंकुश लगाना चाहिए।

By Srishti VermaEdited By: Published: Fri, 24 Nov 2017 11:59 AM (IST)Updated: Fri, 24 Nov 2017 11:59 AM (IST)
नियमों के पालन से सड़क हादसों में आएगी कमी
नियमों के पालन से सड़क हादसों में आएगी कमी

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश में होने वाले सड़क हादसों में रोजाना चार सौ लोगों की मौत होती है। यातायात नियमों की अनदेखी इसका बड़ा कारण है। बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना, बिना सीट बेल्ट बांधे कार चलाना, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना और तेज रफ्तार में वाहन चलाने के कारण ही बड़ी संख्या में लोग हादसों का शिकार होते हैं।

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डग्गामार और ओवरलोडेड

वाहन डग्गामार और ओवरलोडेड वाहनों को सड़कों पर गलत तरीके से चलाया जाता है। इनसे बड़ी संख्या में हादसे होते हैं। पिछले साल ओवरलोडेड वाहनों से 14.1 फीसद मौतें हुईं।

कम उम्र में ड्रार्इंविंग

सड़कों पर 18 वर्ष से कम उम्र के छात्र-छात्राओं को वाहन चलाते देखा जा सकता है। इनकी संख्या बढ़ रही है। बिना लाइसेंस और आवश्यक ज्ञान के वाहन चलाने पर हादसों में इनकी और दूसरों की जान को खतरा रहता है। अभिभावकों को इस पर अंकुश लगाना चाहिए।

रिश्वतखोरी से बढ़ावा

नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों को कई बार ट्रैफिक पुलिस कर्मी कार्रवाई के बजाय रिश्वत लेकर छोड़ देते हैं। इससे उनकी मानसिकता भी लापरवाही करने की हो जाती है और हादसों में हिस्सेदारी बढ़ती है।

हेलमेट का प्रयोग नहीं

अधिकांश दोपहिया वाहन सवार हेलमेट का प्रयोग नहीं करते। इससे सड़क हादसों में उनकी मौत की आशंका बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर दोपहिया वाहन चालक ने हेलमेट पहना हो तो सड़क हादसे में मौत का खतरा 50 फीसद तक कम हो जाता है।

नियमों का उल्लंघन पड़ा भारी
-14,894 सड़क हादसे हुए 2016 में शराब पीकर वाहन चलाने के कारण, इनमें 6,131 मौतें हुईं।

-4,976 हादसे हुए 2016 में मोबाइल पर बात करने के दौरान वाहन चलाने पर, इनमें 2,138 मौतें हुई और 4,746 लोग घायल हुए।

-61,325 हादसे हुए ओवरलोडेड वाहनों द्वारा, इनमें 21,302 लोगों की मौत हुई।

-66.5% हादसे हुए तेज रफ्तार पर वाहन चलाने पर और 61 फीसद मौतें हुईं।

-7.3% सड़क हादसे हुए ओवरटेकिंग करने पर, इनसे 7.8 फीसद मौतें हुईं।

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