एक जैसी जानकारी बार-बार मांगने से खारिज होगी आरटीआइ अर्जी
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने आरटीआइ के तहत दायर अर्जी खारिज करने का अधिकारियों को एक पुख्ता आधार प्रदान कर दिया है। उसने व्यवस्था दी है कि एक ही जैसी जानकारी हासिल करने के लिए बार-बार आरटीआइ आवेदन दाखिल करने पर याचिकाकर्ता की अर्जी को खारिज कर दिया जाएगा। सीआइसी का कहना है कि किसी मामले में
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने आरटीआइ के तहत दायर अर्जी खारिज करने का अधिकारियों को एक पुख्ता आधार प्रदान कर दिया है। उसने व्यवस्था दी है कि एक ही जैसी जानकारी हासिल करने के लिए बार-बार आरटीआइ आवेदन दाखिल करने पर याचिकाकर्ता की अर्जी को खारिज कर दिया जाएगा। सीआइसी का कहना है कि किसी मामले में एक बार जब जानकारी मिल जाए तो उक्त प्रकरण में बार-बार आरटीआइ याचिका दायर करना उचित नहीं है।
केंद्रीय सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलु ने उपरोक्त व्यवस्था दी है। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कार्यकर्ता नीतीश त्रिपाठी की अर्जी को खारिज करते हुए उन्होंने यह व्यवस्था दी। श्रीधर के अनुसार, 'आरटीआइ आवेदन पर एक बार जब जवाब दे दिया जाए तो याचिकाकर्ता को उसी मामले में अधिकारियों के खिलाफ दूसरी याचिका दाखिल करने से बचना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'किसी भी नागरिक को यह अधिकार नहीं है कि वह आरटीआइ कानून के तहत एक जैसी या मामूली फेरबदल के साथ बार-बार जानकारी मांगे और इसके लिए आवेदन दाखिल करे।' त्रिपाठी की अर्जी को खारिज करते हुए श्रीधर ने कहा, 'अगर कोई याचिकाकर्ता पूर्व में दिए गए आवेदन और प्राप्त जवाब को छिपाकर बार-बार उसी मामले में अर्जी दायर करता है तो संबंधित विभाग का केंद्रीय जनसंपर्क अधिकारी कारणों को स्पष्ट करते हुए उक्त याचिका को खारिज कर सकता है।' त्रिपाठी ने दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों की सेवा से संबंधित कई आरटीआइ याचिका दायर की थी।