दुराचार में फंसे कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश
विवाह करने एवं नौकरी दिलाने का लालच देकर तीन माह तक महिला के साथ दुराचार करने के मामले में आरोपी कांग्रेसी विधायक संजय प्रताप जायसवाल के खिलाफ कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही इस कृत्य में विधायक का सहयोग करने वाले अमरजीत मिश्रा एवं रिंकू जायसवाल के विरुद्ध भी रिपोर्ट दर्ज की गई
लखनऊ [जासं]। विवाह करने एवं नौकरी दिलाने का लालच देकर तीन माह तक महिला के साथ दुराचार करने के मामले में आरोपी कांग्रेसी विधायक संजय प्रताप जायसवाल के खिलाफ कोर्ट ने रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही इस कृत्य में विधायक का सहयोग करने वाले अमरजीत मिश्रा एवं रिंकू जायसवाल के विरुद्ध भी रिपोर्ट दर्ज की गई है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेत्रपाल सिंह ने इस मामले की विवेचना कर तीन दिन के अंदर कार्यवाही से अवगत कराने का आदेश थानाध्यक्ष हजरतगंज को दिया है। उल्लेखनीय है कि आरोपी विधायक वर्तमान लोकसभा चुनाव में बस्ती से कांग्रेस उम्मीदवार भी हैं।
अदालत के समक्ष जिला आजमगढ़ निवासिनी पीड़िता सुमन यादव [काल्पनिक नाम] की ओर से अर्जी प्रस्तुत कर कहा गया कि वह अक्टूबर 2013 में पीसीएस की तैयारी के लिए लखनऊ आई थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात संजय प्रताप जायसवाल से चारबाग रेलवे स्टेशन पर हुई। जहां पर उसने अपने आप को डाक्टर बताया एवं उसके साथ रहने वाले दो व्यक्तियों के नाम अमरजीत मिश्रा व रिंकू जायसवाल बताया। पीड़िता ने बताया कि जब दोनों के बीच जान पहचान हो गई तो संजय प्रताप जायसवाल ने अपने को जिला बस्ती का कांग्रेस विधायक बताते हुए कहा कि वह उसकी नौकरी लगवा देगा, परेशान होने की जरूरत नहीं है।
तीनों आरोपी उसे बहला फुसला कर दारुलशफा स्थित आवास बी-99 में लाए और कहा कि यहीं रहो उसका सारा काम हो जाएगा। इस बीच नौकरी दिलाने का लालच और विवाह का वादा करके विधायक उसका शारीरिक शोषण करने लगा। आरोप यह भी है कि विधायक ने न केवल उसके साथ दुराचार किया बल्कि उसकी असम्मानजनक फोटो खिंचवाई। आरोप है कि 11 अक्टूबर 2013 में विधायक ने खुद को अविवाहित बताकर उससे शादी का अनुबंध पत्र तैयार किया। इसी बीच नौ दिसंबर 2013 को जब वह आरोपी विधायक के साथ दारुलशफा में रह रही थी तभी विधायक की पत्नी एवं उसके दो बच्चे आ गए, जिससे पता चला कि विधायक पहले से शादीशुदा है।
आरोप है कि हंगामा होने पर पुलिस आई एवं मामले को सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि मामले के वास्तविक तथ्यों एवं सच्चाई न्यायालय के समक्ष लाए जाने के लिए विवेचना कराया जाना नितांत आवश्यक एवं न्यायोचित है।
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समझौते का दबाव बना रहे विधायक :
पीड़ित युवती का कहना है कि विधायक अब भी उसे फोन कर बहलाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि उनके गुर्गे और रिश्तेदार उसके परिवार को परेशान कर रहे हैं। विधायक बार-बार फोन कर समाधान निकालने की बात कर रहे हैं जबकि वह उनसे एक ही बात कहती है कि मेरा सबकुछ लुट चुका है, इसलिए अब वह सीधे कोई समझौता नहीं करेगी। हालांकि, विधायक जी ने होली के दिन मैसेज कर उसे बधाई दी थी।
पत्नी-प्रेयसी की भिड़ंत के बाद मीडिया में आया था मामला :
पत्नी और प्रेयसी के बीच उलझे कांग्रेस विधायक संजय प्रताप जायसवाल की मुश्किलें और बड़ गईं है। करीब तीन माह पहले दारुलशफा स्थित आवास में हंगामे और हजरतगंज कोतवाली में हुए फौरी पटाक्षेप के बाद मीडिया में आया यह मामला तभी से पुलिस, मीडिया और अदालत के दरवाजे पर दस्तक दे रहा था। बस्ती जिले की रुधौली सीट से कांग्रेस विधायक के पत्नी और प्रेयसी के बीच फंसे होने का मामला 10 दिसंबर को पहली बार सामने आया। किसी ने हजरतगंज कोतवाली में सूचना दी थी कि दारुलशफा स्थित विधायक निवास के कमरे से मारपीट व झगड़े की आवाजें आ रही हैं।
मौके पर पहुंची पुलिस ने विधायक संजय और उक्त युवती को हजरतगंज कोतवाली ले आयी। यहां बंद कमरे में पुलिस ने दो घंटे तक दोनों के बीच समझौता कराया। इसके बाद लड़की को एक एनजीओ के हवाले कर विधायक को ससम्मान वापस जाने दिया। तब पुलिस और विधायक दोनों ने दावा किया था कि मामूली निजी विवाद था जो सुलझ गया। पुलिस ने भी कहा था कि युवती ने कोई शिकायत नहीं की है। मुकदमा लिखाने के लिए अदालत की शरण लेने वाली युवती का दावा है कि विधायक मामला सुलझाने के लिए लगातार युवती और उसके परिवारवालों से संपर्क कर रहे हैं।