बिहार में बाढ़ से मौत का नौ साल का रिकॉर्ड टूटा, 350 की मौत
उत्तर बिहार की बाढ़ ने पिछले नौ वर्षो की बर्बादी और मौत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। अबतक 304 लोगों के मरने की पुष्टि।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। उत्तर बिहार की बाढ़ ने पिछले नौ वर्षो की बर्बादी और मौत का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने अबतक 350 लोगों के मरने की पुष्टि की है। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में बाढ़ से 152 लोगों की मौत हो चुकी है और 1.50 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं।
उधर उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है। राज्य में बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं।बिहार में अधिकतर नदियों का जलस्तर अब ढलान की ओर है, लेकिन जलभराव वाले इलाकों में आमलोगों की जिंदगी को पटरी पर लाना सरकार के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है। उधर बूढ़ी गंडक में पानी के भारी दबाव से रविवार रात मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी प्रखंड के रोहुआ माई स्थान के पास और भटौलिया में पुलिया ध्वस्त हो गई। इससे शहर पर बाढ़ का खतरा है और आवागमन भी बाधित है। शहरी क्षेत्र को अलर्ट कर दिया गया है।
-आपदा प्रबंधन विभाग ने अबतक 350 के मरने की पुष्टि की
-बंगाल में बाढ़ से 152 मरे, 1.50 करोड़ लोग प्रभावित : ममता
-उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी, हजारों बेघर
बिहार में बाढ़ से हुई मौतें
वर्ष : मौतें
2017 : 304
2016 : 243
2013 : 218
2014 : 113
2008 : 434
बंगाल को 14 हजार करोड़ का नुकसान : मुख्यमंत्री
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मालदा जिले में बाढ़ के हालात का जायजा लेने के बाद कहा कि बिहार से छोड़े गए जल से पश्चिम बंगाल के तीन जिले काफी प्रभावित हुए हैं। तीन जिलों में 45 लाख लोग प्रभावित हुए है। इनमें मालदा, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर जिले शामिल हैं। बाढ़ से राज्य में करीब 14 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उप्र में सात की डूबने से मौत उत्तर प्रदेश में खतरे के निशान से ऊपर बह रही अधिकांश नदियों के पानी से सैकड़ों गांव अब भी घिरे हैं। सोमवार को गोंडा में चार कच्चे घर घाघरा नदी में समा गए, जबकि बलरामपुर में समय पर इलाज न मिलने से वृद्ध की मौत हो गई। वहीं सिद्धार्थनगर में चार और गोरखपुर में तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है।
एनडीआरएफ व प्रशासनिक टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। गोंडा में घाघरा का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है। सरयू में पानी कम हुआ पर कटान ने कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। बाराबंकी में घाघरा खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर है। यहां करीब पांच हजार परिवार तटबंधों पर निवास करने को विवश हैं।
चमोली की नीती घाटी में बादल फटने से नुकसान
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम की मार जारी है। रविवार सुबह चमोली जिले की नीती घाटी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। करीब एक दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।
चंडीगढ़ में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
चंडीगढ़ व मोहाली में सोमवार को रिकॉर्ड तोड़ बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कई जगह तो ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे शहर में बाढ़ आ गई हो। कहीं वाहन छत तक डूबे हुए थे तो कहीं तैरते हुए नजर आ रहे थे।
खराब मौसम ने रोक दी हेलीकॉप्टर की उड़ानचंबा :
खराब मौसम ने एक बार फिर हेलीकॉप्टर से मणिमहेश यात्रा करने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सोमवार दोपहर बाद मौसम खराब होने से उड़ानें रद करनी पड़ीं। आलम यह था कि लंबा इंतजार करने के बाद भी हेली टैक्सी सुविधा का लाभ न मिलने पर कई श्रद्धालु घरों को लौट गए।