लागू हुआ रियल एस्टेट कानून, जानिये आपके काम की 10 खास बातें
उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करने और बिल्डरों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून रविवार से लागू हो गया।
By Manoj YadavEdited By: Published: Sun, 01 May 2016 02:56 PM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 03:00 PM (IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करने और बिल्डरों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून रविवार से लागू हो गया। इसके लागू होने के साथ ही जहां एक तरफ बिल्डरों पर नकेल कस जाएगी वहीं आम आदमी ठगे जाने से बच जाएगा। जानिये इस कानून से जुड़ी 10 खास बातें जिनका ग्राहक को मिलेगा फायदा।
- बिल्डरों को तय समय के भीतर ग्राहकों को उनके फ्लैट उपलब्ध कराने होंगे।
- कानून लागू होने से प्रमोटर और बिल्डर प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी नहीं कर पाएंगे।
- नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर भारी जुर्माने के साथ ही तीन साल तक की सजा का भी प्रावधान है।
- कानून में सभी आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्टों के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटर के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य बनाया गया है। यह नियम नई और चालू परियोजनाओं दोनों पर ही लागू होगा।
- 500 वर्ग मीटर से बड़े प्लॉट या 8 फ्लैट वाली सोसायटी को रियल एस्टेट रेगुलेटर अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- इस संबंध में सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक कानून के प्रावधानों के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकारों को छह महीने के भीतर नियम बनाने होंगे।
- प्रोजेक्ट के तहत फ्लैटों की समय से डिलीवरी सुनिश्चित कराने के लिए प्रस्तावित रियल एस्टेट रेगुलेटर और अपीलीय ट्रिब्यूनल भी एक साल में बन जाएंगे।
- डेवलपर बेचे गए फ्लैट में बिना ग्राहक की सहमति के कोई बदलाव नहीं कर पाएगा।
- बिल्डरों को ख़रीदारों से लिया 70% पैसा प्रोजेक्ट के अकाउंट में ही रखना होगा।
- सभी राज्यों में रीयल एस्टेट अथॉरिटी होगी जिसके साथ बिल्डरों और रीयल एस्टेट एजेंट को रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
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