आज से लागू हुआ ग्राहकों को राहत देने वाला रियल्टी कानून
उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करने और बिल्डरों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून रविवार से लागू हो जाएगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र । उपभोक्ताओं के हितों को संरक्षित करने और बिल्डरों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए बनाया गया रियल एस्टेट कानून रविवार से लागू हो गया है। इस कानून को लागू होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बिल्डरों को तय समय के भीतर ग्राहकों को उनके फ्लैट उपलब्ध कराने होंगे।
कानून लागू होने से प्रमोटर और बिल्डर प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी नहीं कर पाएंगे। इसमें नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर भारी जुर्माने के साथ ही तीन साल तक की सजा का भी प्रावधान है। कानून में सभी आवासीय और कॉमर्शियल प्रोजेक्टों के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटर के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य बनाया गया है। यह नियम नई और चालू परियोजनाओं दोनों पर ही लागू होगा।
इस संबंध में सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक कानून के प्रावधानों के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकारों को छह महीने के भीतर नियम बनाने होंगे। इसके साथ ही प्रोजेक्ट के तहत फ्लैटों की समय से डिलीवरी सुनिश्चित कराने के लिए प्रस्तावित रियल एस्टेट रेगुलेटर और अपीलीय ट्रिब्यूनल भी एक साल में बन जाएंगे। कानून के लागू हो जाने के साथ ही से जरूरी कामकाज के नियमों और संस्थागत इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की प्रक्रिया की तैयारी भी शुरू हो जाएगी।
आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने रियल एस्टेट कानून की 92 में से 69 धाराओं को बुधवार को ही अधिसूचित कर दिया था। मंत्रालय जल्द ही नियामक प्राधिकरणों के लिए मॉडल रेगुलेशन भी तैयार करके उपलब्ध करा देगा। रियल एस्टेट के लिए रेगुलेटर बनाने का प्रस्ताव पहली बार 2009 में राज्यों के आवास मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान रखा गया था।