WCF: दुनिया में बढ़ेगा भारतीय संस्कृति का मान: राजनाथ
राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिनों से रुक रुक कर हो रही बारिश से प्रभावित होने के बाद भी यमुना के तट पर 'वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल' का आयोजन किया जा रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यमुना तट पर आयोजित हो रहे विश्व संस्कृति महोत्सव को ले कर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऐसे आयोजन से दुनिया भर में भारतीय संस्कृति का मान बढ़ेगा। इसी तरह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि इस आयोजन ने दिल्ली को विश्व नगरी में बदल दिया है।
उधर, कार्यक्रम की जगह को ले कर उठ रहे विवाद पर श्री श्री रविशंकर ने फिर साफ कर दिया है कि वे यमुना की रक्षा का कर्तव्य अच्छी तरह पूरा करेंगे और यमुना तट के इलाके को पहले से ज्यादा बेहतर बनाएंगे। कार्यक्रम में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही कई मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और विदेशी जन प्रतिनिधियों के साथ ही विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि आज तक दुनिया में इतने बड़े स्तर का कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं हुआ। कार्यक्रम के आयोजन के लिए श्री श्री रविशंकर की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, 'इस कार्यक्रम के जरिए भारतीय संस्कृति को विश्व में गौरव दिलाने का काम गुरूजी ने किया है। भारत की सांस्कृतिक विविधता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के चिंतकों और मनीषियों ने अपनी विराट सोच से पूरे विश्व को जोड़ा है और अपना परिवार माना है। भारत में सबसे ज्यादा तरह के मतावलंबी रहते हैं। यह भारत की ही संस्कृति है जो सभी पंथों और मतों को अपने अंदर समाहित कर लेती है।
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इसी तरह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी आध्यात्म और संस्कृति के जरिए दुनिया को एकजुट करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि हिंसाग्रस्त दुनिया में इस कार्यक्रम से शांति और सद्भाव का महान संदेश जाएगा। सत्य एक ही है और विद्वान उसे अलग-अलग तरीके से पेश करते हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। धर्म निरपेक्षता का मतलब होता है सर्व धर्म समभाव। अगर एक हिंदू अच्छा हिंदू बने, मुसलमान अच्छा मुसलमान और ईसाई अच्छा ईसाई बने तो कोई झगड़ा ही नहीं बचेगा। सभी को एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करना सीखना चाहिए।
कार्यक्रम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने तीन दिन के लिए दिल्ली को विश्व नगरी में बदल दिया है। श्री श्री रविशंकर की वजह से आज यहां धर्माचार्यों के प्रवचन की रसधारा बह रही है। हम सौभाग्यशाली हैैं कि ऐसे गुरुदेव का जन्म भारत में हुआ है।
बार-बार हो रही बारिश और आंधी के बीच भी यह कार्यक्रम अपनी पूरी भव्यता के साथ चलता रहा। रविशंकर ने इस कार्यक्रम को ले कर हो रही आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि पर्यावरण हमारा प्रण है। हम सुनते थे कि मां यमुना बच्चों को नहलाती है। मगर अब यमुना मां को नहलाने का वक्त आ गया है। यमुना की सफाई और पवित्रता हमारा कर्तव्य है। इससे पीछे वे नहीं रहेंगे।
PICS: देखें कार्यक्रम की अलग अलग झलकियां
श्री श्री ने कहा कि जब समुदायों के बीच दरार पड़ जाती है और धर्मों के बीच तनाव बढ़ जाता है तब भारत से आवाज उठती है- सर्वे भवन्ति सुखिन: यानी सभी सुखी हों। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩविस, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीश सिसोदिया सहित दुनिया भर के बहुत से प्रभावशाली लोगों ने कार्यक्रम में भाग ले कर विश्व एकता की वकालत की।