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राहुल गांधी की ताजपोशी की तैयारी

जितनी बड़ी हार, उतनी बड़ी प्रोन्नति। बड़ी हार के बाद कांग्रेस में राहुल गांधी की प्रोन्नति का यह सिलसिला इस दफा भी जारी रहेगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष से अब उन्हें जल्द ही कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sat, 01 Nov 2014 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 02 Nov 2014 07:36 AM (IST)

नई दिल्ली, [राजकिशोर]। जितनी बड़ी हार, उतनी बड़ी प्रोन्नति। बड़ी हार के बाद कांग्रेस में राहुल गांधी की प्रोन्नति का यह सिलसिला इस दफा भी जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश के चुनाव में बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद राहुल को महासचिव से उपाध्यक्ष बनाया गया था। अब लोकसभा और दो राज्यों के विधानसभा चुनावों में हार के बाद वे एक पायदान और ऊपर चढ़ेंगे। कांग्रेस उपाध्यक्ष से अब उन्हें जल्द ही कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। और अगले साल जुलाई के अंतिम हफ्ते में जब कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होगा, तो उस समय औपचारिक रूप से पार्टी की कमान सौंप दी जाएगी। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का राहुल को सोनिया का स्थान लेने संबंधी बयान इसी दिशा में पहला कदम है। इसकी पटकथा करीब एक माह पूर्व विधानसभा चुनावों से पहले ही लिखी जा चुकी है।

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पार्टी को दिख रहा सियासी लाभ

नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भाजपा का विजय रथ लगातार आगे बढ़ रहा है। दिल्ली के बाद कांग्रेस अपने दो गढ़ महाराष्ट्र और हरियाणा में भी खेत रही है। राजनीतिक रूप से सशक्त विरोध करना तो दूर, कांग्रेस एकजुट भी नहीं दिख रही है। कांग्रेस के प्रबंधकों का मानना है कि यह फैसला होने के बाद कांग्रेस प्रभावी तरीके से एकजुट होकर विपक्ष की भूमिका निभा सकेगी। इसके बाद ही राहुल गांधी फिर पूरे देश के दौरे पर भी निकलेंगे। पार्टी में एक राय बनाने के लिए राहुल वरिष्ठ नेताओं के साथ लगातार बैठकें भी कर रहे हैं।

इन कारणों से लिया फैसला

-राहुल की कार्यशैली से नाराज पार्टी के बुजुर्ग और युवा नेताओं के एक धड़े ने गांधी परिवार में ही सत्ता पलट की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

-प्रियंका गांधी को राहुल के सामने चुनौती के रूप में पेश कर रहे नेताओं की उठती आवाज शांत करने के लिए इस कदम पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मुहर लगा दी है।

-राहुल को अगले साल जुलाई में सोनिया का कार्यकाल खत्म होने पर औपचारिक रूप से पार्टी की कमान देने की योजना थी। मगर भ्रम और असंतोष को दबाने के लिए यह फैसला किया गया।

-इससे पहले कांग्रेस के सचिवों व युवा नेताओं ने भी बगावत की पहल की थी, लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका।

फोतेदार का दिग्विजय पर हमला

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बजाय राहुल के हाथ में कमान सौंपने के पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह के बयान पर 10 जनपथ के वफादार रहे बुजुर्ग नेता माखनलाल फोतेदार बिफर गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिग्विजय ने स्वार्थ में बयान दिया है। जब भी कांग्रेस संकट में आती है ऐसे स्वार्थी लोग सिर उठाते हैं। वहीं, दिग्विजय ने कहा कि वह फोतेदार का सम्मान करते हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि फोतेदार चूंकि सक्रिय राजनीति में नहीं है, लिहाजा वह भावना में बयान दे गए। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने भी हालांकि दिग्विजय के बयान से दूरी बना ली, लेकिन उनका विरोध नहीं किया। शर्मा ने कहा कि सोनिया हमारी प्रेरणा हैं और राहुल युवाओं को जोड़ते हैं और दोनों ही हमारी ताकत हैं।

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