राहुल गांधी के हाथों में कांग्रेस की कमान, अगस्त में होगी घोषणा
काग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पार्टी की कमान संभालने की अटकलों पर जल्द ही विराम लगने वाला है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। यूं तो कांग्रेस में समय-समय पर पार्टी के भीतर से बदलाव की मांग वाली कई आवाजें सुनने को मिलती हैं। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने ते मई माह के दौरान चार राज्यों में विधानसभा चुनावों में निराशाजनक परिणाम को लेकर संगठन में 'सख्त सर्जरी' की वकालत की थी तो वहीं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा था, 'पार्टी को ‘दिल के ऑपरेशन’ की जरूरत है, क्योंकि अब ‘कॉस्मेटिक सर्जरी’ से काम नहीं चलने वाला।'
लगता है कांग्रेस ने अब तय कर लिया है कि बदलाव होकर ही रहेगा और राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग पर जल्द ही विराम लग सकता है। पार्टी ने अगले महीने कार्यसमिति की बैठक में राहुल की ताजपोशी करने का मन बना लिया है। पार्टी की योजना बिना किसी हल्ले के कार्यक्रम को काफी सामान्य अंदाज में संपन्न करने की है। इसलिए प्रक्रिया को स्वाभाविक ढंग से एक कार्यक्रम के जरिए पूरा किया जाएगा। राहुल गांधी को जनवरी, 2013 में जयपुर में पार्टी के चिंतन शिविर में महासचिव से उपाध्यक्ष बनाया गया था। पिछले साल लोकसभा चुनावों के लिए चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाकर उन्हें एक तरह से पार्टी का चेहरा बनाकर पेश किया गया था।
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आसान नहीं होगा चुनौतियों से निपटना
कांग्रेस के इस निर्णय से पार्टी में संदेश जाएगा कि आनेवाले समय में राहुल गांधी पार्टी मामलों के सर्वे सर्वा होंगे। देखा जाए तो राहुल गांधी अभी तक पार्टी में नंबर दो की भूमिका संभाल रहे थे जिस वजह से कई बार पार्टी की कामयाबियों और नाकामियों के प्रति उनकी प्रत्यक्ष जिम्मेदारी नहीं होती थी लेकिन अब अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी के हर फैसले के लिए सीधे-सीधे उनको जिम्मेदार माना जाएगा। अनुभव नहीं होने के कारण राहुल ने मनमोहन सरकार में मन्त्रीपद लेने से इंकार कर दिया था।
एक नजर राहुल गांधी के राजनैतिक सफर पर
- 2004- राजनीति में औपचारिक प्रवेश, अमेठी से लोकसभा सांसद बने।
- 2007 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए एक उच्च स्तर के कांग्रेस अभियान में वह एक प्रमुख व्यक्ति थे; लेकिन 8.53% मतदान के साथ केवल 22 सीटें जीतीं।
- 2007- सितंबर में कांग्रेस पार्टी के महासचिव बनाए गए।
- 2008- राहुल ने डिस्कवरी ऑफ इंडिया नाम का अभियान शुरू किया।
- 2009 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 3,33,000 वोटों क अन्तर से पराजित करके अपना अमेठी निर्वाचक क्षेत्र बनाए रखा। इन चुनावों में कांग्रेस ने कुल 80 लोकसभा सीटों में से 21 जीतकर उत्तर प्रदेश में खुद को पुनर्जीवित किया और इस बदलाव का श्रेय राहुल गांधी को दिया गया।
- 2012- यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार से राहुल को तगड़ा झटका।
- 2013 - कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष बनाए गए।
कई बार राहुल गांधी अपने ही विवादित बयानों से घिरते हुए नजर आएं है जिसका जवाब देना कांग्रेस के लिए भी मुश्किल रहा है। एक नजर ऐसे ही कुछ प्रमुख बयानों पर:
आईएसआई और दंगा पीड़ित
2013 को इंदौर में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था, "मुज़फ़्फ़रनगर में जो आग लगी है. ऐसे 10-15 लड़के हैं, मुसलमान लड़के हैं, जिनके भाई-बहनों को मारा गया है। पाकिस्तान के लोग उनसे बात कर रहे हैं. पाकिस्तान की खुफ़िया एजेंसी के लोग उन लड़कों से बात करना शुरू कर रहे हैं और मैं, उनसे बात कर रहा हूं, कह रहा हूं कि इनके बहकावे में मत आओ।"
'मंदिर जाने वाले करते हैं छेड़खानी'
2014 में अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के महिला सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा था, 'जो लोग आपको मां-बहन कहते हैं, मंदिर जाते हैं, देवी को पूजते हैं वही बस में महिलाओं को छेड़ते हैं'.
इस्केप वेलोसिटी'
अक्टूबर, 2013 में नई दिल्ली में आयोजित दलित अधिकार सम्मेलन में दलितों के उत्थान पर राहुल गाँधी का 'इस्केप वेलोसिटी' सिद्धांत वाला भाषण बेहद चर्चित रहा जिसमें उन्होंने पहले समझाया कि वो वेलोसिटी जो आपको एक ग्रह से स्पेस तक पहुंचने के लिए चाहिए, उसे इस्केप वेलोसिटी कहते हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि दलितों को ऊपर उठने के लिए धरती से कई गुना ज्यादा बृहस्पति ग्रह की 'इस्केप वेलोसिटी' जैसी ताकत की जरूरत है।
गरीबी एक मानसिक स्थिति है'
अगस्त 2013 में इलाहाबाद के गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा था, "गरीबी सिर्फ एक मानसिक स्थिति यानी दिमागी हालत है और इसका खाना खाने, रुपये और भौतिक चीजों से कोई वास्ता नहीं है।'
'पंजाब के नशेड़ी युवा'
अक्टूबर 2012 में चंडीगढ़ के एक विश्वविद्यालय में भाषण देते हुए राहुलने कहा कि यूरोप के राजदूत ने कहा कि आने वाली सदी भारत की है क्योंकि यहां ह्यूमन रिसोर्स बहुत अच्छा है. लेकिन पंजाब के ह्यूमन रिसोर्स का क्या हो रहा है. यहां 10 में से सात युवा नशे की गिरफ़्त में हैं।
'एक दिन मुझे भी मार देंगे'
चुरु की ही चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा, 'मेरी दादी को मारा, मेरे पापा को मारा और शायद मुझे भी मार देंगे एक दिन, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।'
'मेरे परिवार के फैसले की वजह से हुआ पाकिस्तान का बंटवारा'
2007 को एक कार्यक्रम के दौरान राहुल ने कहा, 'एक बार मेरा परिवार कुछ करने का फैसला कर ले तो उससे पीछे नहीं हटता। चाहे यह भारत की आजादी हो, पाकिस्तान का बंटवारा या फिर भारत को 21वीं सदी में ले जाने की बात हो।'
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