राहुल ने सरकार पर लगाया उद्योगपतियों को इंटरनेट अधिकार सौंपने का आरोप
किसानों की समस्या पर लोकसभा में जोरदार तरीके से आवाज उठाने के बाद कांग्रेस ने इंटरनेट की आजादी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने का फैसला किया है। इस मुद्दे पर आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को संसद में घेरने की कोशिश की। उन्होंने सरकार पर उद्योगपतियों
नई दिल्ली। किसानों की समस्या पर लोकसभा में जोरदार तरीके से आवाज उठाने के बाद कांग्रेस ने इंटरनेट की आजादी के मुद्दे पर भी सरकार को घेरने का फैसला किया है। इस मुद्दे पर आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को संसद में घेरने की कोशिश की। उन्होंने सरकार पर उद्योगपतियों को इंटरनेट का अधिकार देने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने मांग की है कि देश के सभी युवाओं को नेट की सुविधा बिना किसी बाधा के उपलब्ध होनी चाहिए।
आप भी जानिए क्या है नेट न्यूट्रलिटी
इसका जवाब भी सरकार की ओर से जोरदार ढंग से दिया गया। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नेट न्यूट्रलिटी पर सरकार गंभीर है। उन्होंने राहुल गांधी के सभी आरोपों का खंडन किया और कहा कि सरकार का प्रयास है कि देश के हर आदमी को नेट सुविधा मिले। इसके लिए उन्होंने डिजिटल इंडिया के पीएम मोदी के नारे की भी याद दिलाई।
राहुल गांधी के बयान के बाद कांग्रेस पर वार करते हुए सदन में रविशंकर प्रसाद ने पूछा कि कांग्रेस यह बताए कि अगस्त, 2012 में कुछ लोगों के ट्वीटर हैंडल क्यों रोके गए थे। इस बीच सरकार और विपक्ष की ओर से शोर-शराबा लगातार जारी रहा।
इस बीच केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने किसानों पर दिए कथित बयान को लेकर सफाई दी। इस बयान में उन्होंने कहा था कि किसानों काे न भगवान पर भरोसा करना चाहिए न ही सरकार पर। हालांकि उन्होंने इसका खंडन किया। राहुल गांधी ने इस बयान को लेकर गडकरी पर निशाना साधा था जिसके बाद सदन में उन्होंने इस पर सफाई दी है।
इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पीकार से लोकसभा में इस मसले पर चर्चा कराने की मांग की है। लोकसभा में बुधवार को राहुल गांधी ने नेट न्यूट्रलिटी नोटिस दिया है। नोटिस में राहुल गांधी ने प्रश्नकाल के निलंबन की मांग की और कहा है कि नेट न्यूट्रलिटी पर चर्चा की जाए।
नेट न्यूट्रलिटी मामले में बचाव में उतरी एयरटेल
उल्लेखनीय है कि सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण में राहुल गांधी ने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण बिल और किसानों के मौजूदा हालात को लेकर जोरदार ढंग से सरकार पर हमला बोला था। इसके बाद भाजपा की ओर से भी तीखी प्रतिक्रियाएं आई थीं।