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पंजाब ने खरीद के लिए 12 हजार करोड़ कर्ज लिया, अनाज गायबः रिजर्व बैंक

पंजाब सरकार के लिए 12 हजार करोड़ रुपये का अनाज खरीद मामला बड़ी सिरदर्दी पैदा कर सकता है।पंजाब सरकार ने अनाज खरीद के लिए राष्ट्रीय बैंकों से कर्ज लिया था।

By Manoj YadavEdited By: Published: Sat, 16 Apr 2016 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 16 Apr 2016 10:43 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार के लिए 12 हजार करोड़ रुपये का अनाज खरीद मामला बड़ी सिरदर्दी पैदा कर सकता है। चर्चा है कि पंजाब सरकार ने अनाज खरीद के लिए राष्ट्रीय बैंकों से कर्ज लिया था। इस राशि से अनाज खरीद हुई या नहीं, इसका साक्ष्य फिलहाल उपलब्ध नहीं है। इससे विपक्षियों को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है। विपक्ष इसे घोटाले का नाम दे रहा है।

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जानकारी के मुताबिक रिजर्व बैंक के मुंबई स्थित मुख्य दफ्तर ने पंजाब सरकार को कर्ज देने वाले सभी बैंकों से स्पष्टीकरण मांगा है। यह भी चर्चा है कि बैंकों को भरोसा दिलाया गया था कि सरकार के अधिकारी इस राशि से अनाज खरीद रहे हैं और खरीदे गए अनाज का भंडारण किया जा रहा है। रिजर्व बैंक ने बैंकों से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या कोई बैंक अधिकारी मौके पर यह पता करने गया कि कर्ज का सही इस्तेमाल हो रहा है या नहीं? अनुमानित तौर पर अनाज खरीद का मामला 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अनुसार इस मामले को लेकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने सीनियर अधिकारियों की 18 अप्रैल को बैठक भी बुला ली है। माना जा रहा है कि इसी बैंक ने कर्ज के तौर पर सबसे बड़ी राशि दी है।

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सरकार ने अनाज के नाम पर नहीं लिया है कर्जः सुखबीर सिंह बादल

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल का इस मामले में कहना है कि पंजाब सरकार ने अनाज के नाम पर कोई कर्ज नहीं लिया है। इस बारे में किसी तरह की चर्चा गलत है। राजनीतिक दल इस मामले को बिना किसी आधार के तूल दे रहे हैं।

हाईकोर्ट का सिटिंग जज करे जांच : सुरजेवाला

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने हाईकोर्ट के सिटिंग जज से मामले की जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि इससे गेहूं की मौजूदा खरीद पर भी सवाल उठ रहे हैं। पीएम, केंद्रीय वित्त व पंजाब के सीएम अभी तक चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कैग की रिपोर्ट में पहले भी घपले के संकेत मिल चुके हैं। कैग ने 2013-14 की रिपोर्ट में पिछले करीब 8 साल की समीक्षा की थी। 4 खरीद एजेंसियों पंजाब वेयरहाउस, पंजाब एग्रो, पनसप व पनग्रेन ने ढुलाई के लिए जिन गाड़ियों केनंबर दिए थे, उनमें करीब 3200 गाड़ियां मिली ही नहीं।

प्रदेश सरकार को बर्खास्त किया जाए : कैप्टन

कांग्रेस के प्रदेश प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे घपला करार देते हुए कहा है कि यह तो नमूना भर है। अकाली-भाजपा सरकार बीते 9 सालों से सिर्फ धोखेबाजी व चालाकियों के सहारे ही चल रही है। कैप्टन ने कहा कि राज्य सरकार को बर्खास्त करने के लिए यह एक उचित कारण है, क्योंकि इस सरकार ने न सिर्फ वित्तीय संस्थाओं को धोखा दिया है, बल्कि किसानों को भी शिकार बनाया है, जिनके लिए वास्तव में यह रकम थी। यही वजह है कि किसानों को समय पर अदायगी नहीं होती।

सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जाए जांच : आप

आप नेता संजय सिंह व भगवंत मान इस मामले को घोटाला करार देते हुए इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग की है। दोनों नेताओं ने कहा कि जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में विशेष जांच टीम (एसआइटी) गठित हो। पंजाब सरकार को मामले पर पूरी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि कर्ज ली गई राशि कहां खर्च की गई? इसीलिए केंद्रीय फंड आंकड़े का समुचित हिसाब नहीं मिलने की वजह से कैश क्रेडिट राशि सही समय पर पंजाब को नहीं मिल पाती है।

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