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मोदी सरकार ने एनसीटीसी को ठंडे बस्ते में डाला

केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के खास प्रोजेक्ट राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र (एनसीटीसी) को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने सोमवार को कहा, सरकार का इसे क्रियान्वित करने का कोई इरादा नहीं है। 26/11 के मुंबई हमले

By Edited By: Published: Tue, 22 Jul 2014 08:35 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jul 2014 08:36 PM (IST)
मोदी सरकार ने एनसीटीसी को ठंडे बस्ते में डाला

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम के खास प्रोजेक्ट राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र (एनसीटीसी) को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

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लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने सोमवार को कहा, सरकार का इसे क्रियान्वित करने का कोई इरादा नहीं है।

26/11 के मुंबई हमले के बाद गृह मंत्रालय की कमान संभालने वाले चिदंबरम ने आतंकी वारदातों पर लगाम लगाने के लिए एनसीटीसी के गठन की घोषणा की थी। एनसीटीसी को लेकर पी चिदंबरम के लगाव को इस बात से समझा जा सकता है कि गृहमंत्री रहते हुए उन्होंने इसके गठन की अधिसूचना भी जारी कर दी थी, लेकिन गैर कांग्रेसी राज्य सरकारों के तीखे विरोध के बाद इसे क्रियान्वित नहीं किया जा सका था। जिन मुख्यमंत्रियों ने इसका विरोध किया था, उनमें पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, ओडिशा के नवीन पटनायक, तमिलनाडु की जयललिता, छत्तीसगढ़ के रमन सिंह, मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान और पंजाब के प्रकाश सिंह बादल के साथ-साथ गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। इन मुख्यमंत्रियों का कहना था कि एनसीटीसी देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है और राज्यों के अधिकार में केंद्र के हस्तक्षेप की इजाजत देता है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस पर सहमति बनाने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक भी बुलाई थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। इसके बाद गृहमंत्री बने सुशील कुमार शिंदे ने कड़े प्रावधानों को हटाकर एनसीटीसी पर सहमति बनाने की कोशिश की, लेकिन इस बात पर कांग्रेस शासित राज्यों के कुछ मुख्यमंत्री ही इसके खिलाफ हो गए थे।

जाहिर है मुख्यमंत्री के रूप में एनसीटीसी का विरोध करने वाले नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाला जाना तय माना जा रहा था।

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