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फ्रांस-जर्मनी से काला धन लाने की कवायद, पीएम करेंगे दौरा

विदेशों में भारतीयों के छिपाए काले धन को स्वदेश लाने की मुहिम को तेजी देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने होने वाली फ्रांस और जर्मनी की यात्रा काफी अहम है। कुछ वर्षो से दोनों देशों के साथ भारत के कराधान संबंधी रिश्ते राजनीतिक बहस का मुद्दा बने हुए

By anand rajEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2015 08:17 AM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2015 11:01 AM (IST)

नई दिल्ली (जयप्रकाश रंजन)। विदेशों में भारतीयों के छिपाए काले धन को स्वदेश लाने की मुहिम को तेजी देने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने होने वाली फ्रांस और जर्मनी की यात्रा काफी अहम है। कुछ वर्षो से दोनों देशों के साथ भारत के कराधान संबंधी रिश्ते राजनीतिक बहस का मुद्दा बने हुए हैं।

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यही वजह है कि पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान काले धन की रोकथाम के लिए दोनों देशों के साथ विशेष बातचीत करेंगे। पिछले हफ्ते ही अपनी मारीशस यात्रा के दौरान भी मोदी ने वहां काले धन पर सूचनाओं का बेहतर व सटीक तरीके से आदान-प्रदान करने के मुद्दे पर बातचीत की थी।

सूत्रों के मुताबिक पिछली संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान ही 33 देशों के साथ कर सूचना विनिमय संधि (टीआइईए) करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इनमें फ्रांस और जर्मनी दोनों हैं। केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार इन दोनों सरकारों के साथ इस बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा।

इस संधि को काले धन से जुड़ी सूचनाओं और इन देशों में काला धन रखने वालों का नाम उजागर करने के लिए काफी अहम माना जा रहा है। वैसे दोनों देशों के साथ भारत का द्विपक्षीय कराधान से बचने संबंधी समझौता (डीटीएए) है। लेकिन इससे भारत को अभी तक कुछ खास हासिल नहीं हुआ है।

पीएम मोदी अगले महीने जाएंगे फ्रांस और जर्मनी की यात्रा पर

पिछले वर्ष संसद में काले धन पर बहस के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर यह आरोप लगाए थे कि उसके शासनकाल के दौरान वर्ष 1995 में जर्मनी के साथ जो डीटीएए किया गया था उसकी वजह से ही सरकार उन भारतीयों के नाम नहीं उजागर कर सकती। इन भारतीयों ने वहां पैसे जमा करा रखे हैं।

यह एक बड़ी वजह है कि जर्मनी के साथ मौजूदा डीटीएए को नए माहौल के मुताबिक बदलने के लिए बातचीत को आगे बढ़ाया जाएगा। दोनों देशों के बीच संप्रग के कार्यकाल के दौरान भी बातचीत हुई पर उसमें अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। जर्मनी की तरह फ्रांस भी पिछले कुछ समय से काले धन को लेकर काफी चर्चा में रहा है।

जब से फ्रांस स्थित एचएसबीसी बैंक की शाखा से काला धन रखने वाले ग्राहकों की सूची सार्वजनिक हुई है तभी से भारत व फ्रांस सरकार के बीच लगातार संपर्क बना है। पिछले वर्ष काले धन के मुद्दे पर राजग सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई रिपोर्ट में फ्रांस सरकार के साथ हुए पत्राचार का पूरा ब्योरा दिया गया था। फ्रांस ने भी भारत को इस मुद्दे पर पर्याप्त समर्थन नहीं दिया है।

बिल को कैबिनेट की मंजूरी

काले धन पर अंकुश लगाने के इरादे से सरकार ने मंगलवार को नया कानून बनाने के लिए एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में काले धन पर बनने वाले कानून के मसौदे के अंतिम रूप पर मुहर लगा दी गई।

केंद्र इस विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश करेगा। इस कानून के तहत काला धन रखने वाले व्यक्ति पर 300 प्रतिशत जुर्माना लगेगा तथा 10 साल की सजा होगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस विधेयक को हरी झंडी दी गई।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट 2015-16 पेश करते हुए काले धन पर अंकुश लगाने के लिए नया कानून बनाने का एलान किया था। जेटली ने मंगलवार को लोक सभा में आम बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए भी भ्रष्टाचार और काले धन पर अंकुश लगाने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इसी सत्र में काले धन पर नियंत्रण के लिए विधेयक पेश करेगी। जेटली ने यह भी कहा कि भारत के शब्दकोश से अब भ्रष्टाचार शब्द खत्म हो रहा है। आम बजट पर 168 सदस्यों ने भाषण दिया, लेकिन एक भी सदस्य ने भ्रष्टाचार शब्द का जिक्र नहीं किया।

ये होंगे काले धन पर कानून के खास प्रावधान

विदेश में काला धन छुपाने पर 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा

टैक्स चोरी करने वालों पर 300 प्रतिशत जुर्माना

काला धन रखने वाले अपराधी को सेटलमेंट कमीशन में शरण नहीं मिलेगी

विदेशी संपत्ति के बारे में रिटर्न दाखिल न करने या अधूरा रिटर्न दाखिल करने पर सात साल का कारावास

विदेशी संपत्ति के स्वामी या उससे लाभ लेने वाले व्यक्ति को आय न होने पर भी रिटर्न दाखिल करना होगा

काला धन जमा करने के लिए उकसाने वाले बैंकों के खिलाफ कार्रवाई होगी

आयकर रिटर्न में बताना होगा, किस तारीख में खुला विदेशी बैंक में खाता

विदेशों में जमा संपत्ति के बराबर देश में संपत्ति को जब्त करने की शक्ति

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