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मोदी-नीतीश के बीच फंसे राष्ट्रपति

पटना में 27 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी की बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित हुंकार रैली के रास्ते में एक नई बाधा राष्ट्रपति के दौरे के रूप में खड़ी हो गई है। भाजपा इस रैली के लिए जैसे-तैसे पटना का गांधी मैदान हासिल कर सकी, लेकिन वह जब जोर-शोर से तैयारियों में जुटी थी तो यह जानकारी सामने आ गई कि राज्य सरकार ने राष्ट्रपति

By Edited By: Published: Mon, 07 Oct 2013 09:09 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2013 11:45 PM (IST)

नई दिल्ली [जेएनएन]। पटना में 27 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी की बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित हुंकार रैली के रास्ते में एक नई बाधा राष्ट्रपति के दौरे के रूप में खड़ी हो गई है। भाजपा इस रैली के लिए जैसे-तैसे पटना का गांधी मैदान हासिल कर सकी, लेकिन वह जब जोर-शोर से तैयारियों में जुटी थी तो यह जानकारी सामने आ गई कि राज्य सरकार ने राष्ट्रपति का दो दिनों, 26-27 अक्टूबर का कार्यक्रम तय कर दिया है। भाजपा का मानना है कि राज्य सरकार ने लोगों का ध्यान मोदी की रैली से भटकाने और सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर अन्य बाधाएं खड़ी करने के लिए ही राष्ट्रपति को जानबूझकर 26-27 अक्टूबर को बिहार बुलाया है।

राष्ट्रपति के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार उन्हें 26 और 27 अक्टूबर को बिहार में रहना है। 26 को उन्हें पटना आइआइटी के कार्यक्रम में भाग लेना है और 27 को आरा में बाबू जगजीवन राम की प्रतिमा का अनावरण करना है। आरा पटना से 50 किलोमीटर की दूरी पर है और यह जाहिर है कि राष्ट्रपति पटना में ही रात्रि विश्राम करेंगे। 27 अक्टूबर को राष्ट्रपति के विमान के रवाना होने से पहले पटना हवाईअड्डे में किसी विमान को उतरने की अनुमति मिलने में मुश्किल होगी। अगर ऐसा होता है तो नरेंद्र मोदी समेत अन्य भाजपा नेताओं को उसी दिन पटना हवाईअड्डे का इस्तेमाल करने में परेशानी पेश आ सकती है। इसके अलावा राष्ट्रपति के आवागमन के मद्देनजर किए गए सुरक्षा इंतजाम मोदी की रैली में जाने वाले लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन सकते हैं।

भाजपा की मानें तो नीतीश कुमार ने 26-27 अक्टूबर को राष्ट्रपति का कार्यक्रम तय कर मोदी की रैली के खिलाफ सोची-समझी चाल चली है। भाजपा के आरोपों पर नीतीश कुमार ने सफाई दी है कि राष्ट्रपति की यात्रा राज्य सरकार की मर्जी से तय नहीं होती। नीतीश ने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मोदी ने गलत नंबर डायल कर दिया है। जबकि भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने नीतीश कुमार पर भाजपा के खिलाफ षड्यंत्र में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को शिकार बनाने का आरोप जड़ते हुए कहा है कि मोदी के नाम से डरी सरकार राष्ट्रपति के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही है।

शाहनवाज ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति बिहार के मुख्यमंत्री के मंसूबे को पहचानेंगे। इसके पहले बिहार, भाजपा के एक विधायक राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपना दौरा टालने का अनुरोध कर चुके हैं। शाहनवाज ने नीतीश पर फब्ती कसते हुए कहा कि वह उन्हें बहुत अच्छी तरह पहचानते हैं। आइआइटी की आड़ में नीतीश ने ही राष्ट्रपति का कार्यक्रम लगाया है। भाजपा राष्ट्रपति का सम्मान करती है, बिहार में उनका स्वागत है, लेकिन जदयू उन्हें अपनी राजनीति के लिए मोहरा बना रही है। उनके मुताबिक कांग्रेस और जदयू का गठबंधन जल्द होगा।

किसने, क्या-कहा

'इस कार्यक्रम के मामले में राज्य सरकार से संपर्क नहीं किया गया। सारा कुछ राष्ट्रपति भवन से तय किया गया है।'

-नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री

'कार्यक्रम भले ही सरकारी न हो, लेकिन राष्ट्रपति का कार्यक्रम तभी तय होता है जब राज्य सरकार उस पर मुहर लगाती है।'

-शाहनवाज हुसैन, भाजपा प्रवक्ता

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