स्वच्छता जनभागीदारी में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी
स्वच्छता अभियान अब एक ऐसे जन जागरण के रूप में दिखेगा जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी शामिल होंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोदी सरकार आने के साथ ही शुरू हुआ स्वच्छता अभियान अब एक ऐसे जन जागरण के रूप में दिखेगा जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति भी शामिल होंगे। अगले एक पखवाड़े तक जन भागीदारी का एक अभूतपूर्व प्रयास होगा। नारा होगा 'स्वच्छता ही सेवा'। वैसे उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने स्पष्ट कर दिया है कि संवैधानिक पद पर होने के बावजूद वृहत सामाजिक मुद्दों में वह सक्रिय होकर हिस्सा लेते रहेंगे। स्वच्छता अभियान के साथ साथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ऐसा ही अभियान है।
महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर तक चलने वाले स्वच्छता के विशेष अभियान के क्रम में 15 सितंबर को खुद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर में एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे। वहीं से वह जनता से अपील भी करेंगे। 17 सितंबर को सेवा दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू कर्नाटक के बिदर में होंगे। उससे पहले बुधवार को अपने आवास पर भी उन्होंने स्वच्छता से जुड़े मुद्दों पर मीडिया और सरकारी अधिकारियों से चर्चा की। ध्यान रहे कि नायडू ने बतौर शहरी विकास मंत्री भी इसमें एक भूमिका निभाई थी। उनका साफ मत था कि स्वच्छता जैसे अहम मुद्दे पर हर किसी को नागरिक धर्म निभाना चाहिए।
ध्यान रहे कि कुछ ही दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंदगी फैलाने वालों पर अपना रोष जताया था। देशभर से जुटे युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पूछा था कि क्या गंदगी फैलाने वालों को वंदे मातरम कहने के हक है? 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले कार्यक्रम सरकारी और संगठन दोनों स्तर पर होंगे। भाजपा 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस को सेवा दिवस के रूप में मना रही है। पार्टी से जुडे़ जनप्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं को स्वच्छता के कार्यक्रम में जुड़ने का निर्देश है।
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