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केवल पांच सांसदों की उपस्थिति 100 फीसद से रही ज्यादा

युवा नेताओं की बजाए बुजुर्ग हाजिरी के मामले में बेहतर..

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sun, 04 Jun 2017 08:28 PM (IST)Updated: Sun, 04 Jun 2017 08:28 PM (IST)
केवल पांच सांसदों की उपस्थिति 100 फीसद से रही ज्यादा

नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनाव के दौरान जनता से तरह-तरह के वायदे करके संसद तक पहुंचने की जुगत भिड़ाने वाले नेता जीतने के बाद पूरी तरह से बदल जाते हैं। यही वजह है कि संसद में उपस्थिति के मामले में केवल पांच सांसदों का रिकार्ड सौ फीसद रहा है।

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उप्र के बांदा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भैरो प्रसाद मिश्र हाजिरी के मामले में अनुकरणीय रहे। उन्होंने 1468 बहस व चर्चाओं में भाग लिया। यह सर्वाधिक है। उनके अलावा शत प्रतिशत हाजिरी वाले सांसदों में जगतसिंहपुर के कुलमनी सामल, उत्तरी मुंबई के गोपाल शेट्टी, अहमदाबाद प. की कीर्ति सोलंकी व सोनीपत के रमेश कौशिक शामिल रहे।

इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी एक नजीर पेश की। बेशक वह लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं, लेकिन इसके बाद भी उनकी उपस्थिति 59 फीसद रही। जबकि उनके पुत्र राहुल गांधी की हाजिरी 54 फीसद रही। हालांकि राहुल ने इस दौरान 11 बहसों में हिस्सा लिया। सोनिया केवल पांच में शरीक रहीं। 

पुत्रवधू से ज्यादा दिखे मुलायम

पीआरएस (आंकड़े एकत्र करने वाली संस्था) के अनुसार पिछले तीन साल के दौरान 25 फीसद सांसदों की हाजिरी 90 फीसद से ज्यादा रही। कुल औसत 80 फीसद रहा है। कांग्रेस के बुजुर्ग सांसद ज्यादा समय सदन में हाजिर रहे। वीरप्पा मोइली की हाजिरी 91 व मल्लिकार्जुन खड़गे की 92 फीसद रही जबकि उनके युवा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की 80 व राजीव सातव की 81 फीसद रही। उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह अपनी पुत्रवधू डिंपल यादव से बेहतर रहे। उनकी उपस्थिति 79 फीसद रही जबकि डिंपल 35 फीसद बार ही सदन में आईं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबूमणि रामदास 45 फीसद व झारखंड मुक्ति मोर्चा के शिबू सोरेन 31 फीसद भी कम दिखे।

भाजपा के ज्ञान सबसे फिसड्डी

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर केवल छह फीसद मौकों पर संसद में आए तो जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती की उपस्थिति 35 फीसदी रही। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हाजिरी 72 फीसद रही। सबसे कम आठ फीसद हाजिरी मप्र के भाजपा सांसद ज्ञान सिंह की रही। प. बंगाल के दीपक अधिकारी नौ फीसद मौकों पर ही सदन में दिखे।

पहले की तरह हैं अभिनेता

संसद में उपस्थिति को लेकर सिने जगत के लोग हमेशा निशाने पर रहे। अभिनेता से नेता बनने वाले हाजिरी के मामले में पहले की तरह से रहे। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी 35 फीसद, गुरुदासपुर के दिवंगत विनोद खन्ना 50 फीसद, चंडीगढ़ की किरण खेर 86 फीसद, अहमदाबाद पूर्व के परेश रावल 68 फीसद, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी 77 फीसद, संगरूर के भगवंत मान 52 फीसद मौकों पर ही सदन में दिखे। पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा बेशक 70 फीसद मौकों पर सदन में आए पर उन्होंने एक भी बहस या चर्चा में हिस्सा नहीं लिया। कुछ इसी तरह की स्थिति तृणमूल सांसद मुनमुन सेन की रही। चर्चाओं से वह गायब दिखीं।

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