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दिल्ली में सरकार बनाने को तैयार भाजपा

केंद्र में सरकार बनाने के बाद अब भाजपा दिल्ली में भी सरकार गठन का मन लगभग बना चुकी है। सभी समीकरण दुरुस्त रहे तो संभव है कि बजट सत्र से पहले ही दिल्ली में भाजपा की सरकार होगी। इसकी कवायद भी तेज हो गई है। पार्टी महासचिव राजीव प्रताप रूडी और दिल्ली के संगठन प्रभारी प्रभात झा ने भी पहली बार स्वीकार किया है कि दिल्ली में सारे विकल्प खुले हुए हैं। जल्द ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।

By Edited By: Published: Tue, 17 Jun 2014 04:29 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jun 2014 07:33 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अभी तक दिल्ली में सरकार बनाने की बात से इन्कार करती रही भाजपा के रुख में बदलाव आया है। पार्टी अब सरकार बनाने को तैयार है। इसकी कवायद भी तेज हो गई है। भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रूडी तथा दिल्ली के संगठन प्रभारी प्रभात झा ने भी पहली बार स्वीकार किया है कि दिल्ली में सारे विकल्प खुले हुए हैं। जल्द ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। दोनों नेताओं के बयान से स्पष्ट हो गया है कि पर्दे के पीछे दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश अब मूर्त रूप लेने लगी है।

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लोकसभा चुनाव के बाद से ही भाजपा के विधायक दिल्ली में सरकार बनाने की संभावना तलाश रहे थे लेकिन संगठन इससे सहमत नहीं था। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन इस तरह की संभावनाओं को खारिज करते हुए दावा करते रहे हैं कि भाजपा कभी भी जोड़तोड़ कर सरकार नहीं बनाएगी। उनके अनुसार दिसंबर में जब उपराज्यपाल ने बुलाया था तो उसी समय ऐसा किया जा सकता था। इसलिए चुनाव ही एकमात्र विकल्प है। पार्टी के अन्य नेता भी चुनाव के पक्ष में थे। इसके विपरीत प्रोफेसर जगदीश मुखी, रामवीर सिंह बिधूड़ी सहित कुछ अन्य पार्टी विधायक सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा जुटाने की कोशिश में लगे रहे। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद यह कोशिश और तेज हो गई। इसके साथ ही वे केंद्रीय नेतृत्व व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को भी राजी करने में लगे रहे।

धीरे-धीरे उनकी कोशिश रंग लाने लगी और केंद्रीय नेतृत्व की ओर से भी उन्हें जरूरी आंकड़ा जुटाने तथा सरकार बनाने के फार्मूले पर काम करने का संकेत दे दिया गया। अभी तक यह सब कुछ पर्दे के पीछे चल रहा था। लेकिन अब भाजपा नेता सार्वजनिक तौर पर सरकार बनने की संभावना पर बात कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार बनाने या चुनाव में जाने पर विकल्प खुला हुआ है। केंद्रीय नेतृत्व इस पर शीघ्र फैसला लेगा।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन की राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें सरकार बनाने की संभावना तलाशने पर सहमति बन गई थी। इसके बाद से दिल्ली में सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं।

बताया जाता है कि कांग्रेस के छह विधायक भाजपा को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के भी कुछ विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। लेकिन कांग्रेसी विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने की बात को आगे बढ़ाए जाने की खबर है। अब इस बात पर मंथन हो रहा है कि बागी कांग्रेसी विधायकों को भाजपा में शामिल करें या इनका बाहर से समर्थन लेकर सरकार बनाई जाए। पार्टी के रुख में आए बदलाव के बारे में प्रभात झा का कहना है कि जब डॉ. हर्षवर्धन सिर्फ चुनाव को विकल्प बता रहे थे उस समय वे केंद्रीय मंत्री नहीं बने थे।

उल्लेखनीय है कि डॉ. हर्षवर्धन, रमेश बिधूड़ी तथा प्रवेश वर्मा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद दिल्ली विधानसभा में सदस्यों की संख्या 67 रह गई है। बहुमत के लिए 34 विधायकों का समर्थन जरूरी है। जबकि भाजपा व शिरोमणि अकाली दल (बादल) गठबंधन के 29 विधायक हैं। यदि कांग्रेस के छह विधायक इनके साथ आ जाते हैं तो यह संख्या 35 हो जाएगी।

सरकार बनाने या चुनाव में जाने का विकल्प खुला हुआ है। फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है। शीघ्र ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। यदि कोई भाजपा में आता है तो उसका स्वागत है।

- प्रभात झा, दिल्ली के संगठन प्रभारी।

यदि समर्थन मिलता है तो भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने को तैयार है।

-राजीव प्रताप रूडी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव।

पढ़ें: विधू़ड़ी-मुखी के बीच में उलझी दिल्ली सरकार


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