रामपाल के पुराने आश्रम पर पुलिस का पहरा
करौंथा आश्रम में विवाद के बाद रामपाल ने बरवाला में दौलतपुर मार्ग पर अपना आश्रम बना लोगों को मोक्ष दिलाने के जहां से सपने दिखाने आरंभ किए थे आज उसी पुराने सतलोक आश्रम में भी पुलिस का पहरा है। करौंथा विवाद के बाद रामपाल ने बरवाला को चुना उसके कुछ
बरवाला [संवाद सूत्र]। करौंथा आश्रम में विवाद के बाद रामपाल ने बरवाला में दौलतपुर मार्ग पर अपना आश्रम बना लोगों को मोक्ष दिलाने के जहां से सपने दिखाने आरंभ किए थे आज उसी पुराने सतलोक आश्रम में भी पुलिस का पहरा है। करौंथा विवाद के बाद रामपाल ने बरवाला को चुना उसके कुछ बरवाला के साधकों ने रामपाल को बरवाला में आश्रम बनाने का सुझाव दिया और दौलतपुर मार्ग पर उसे चार एकड़ भूमि भी दिलवाई।
पुराने आश्रम में भी पड़ा है रामपाल का माल
चार एकड़ में बने इस पुराने सतलोक आश्रम में भी रामपाल का खूब माल पडा है। नये सतलोक आश्रम में हुई माल की नीलामी में औने पौने दामों में माल लेने वालों की निगाहें अब रामपाल के पुराने आश्रम के माल पर लग गयी है।
दौलतपुर मार्ग पर स्थित पुराने सतलोक आश्रम को गोदाम का रूप दिया गया था। यहां पर साधकों की विशेष डयूटी थी परन्तु रामपाल और पुलिस में टकराव के दौरान सभी साधक आश्रम छोड़कर नौ दो ग्यारह हो गए। रामपाल आपरेशन के दौरान से ही यहां पर पुलिस का पहरा है। सीआईडी के अधिकारी भी इस आश्रम का दौरा कर चुके है।
पुराने आश्रम में खड़ी हैं 8 गाडि़यां व 5 मोटरसाइकिल
रामपाल के इस पुराने आश्रम में इस समय 8 गाड़िया खड़ी है। इन 8 गाड़ियों में कारें व जीपें शामिल हैं। इसके अतिरिक्त पांच मोटरसाइकिलें भी खड़ी हैं। पुराने आश्रम में कारों जीपों के अलावा सूमो व क्रूजर गाड़ी भी है। रामपाल के नए आश्रम में तो गाड़ियों व मोटरसाइकिलों का जखीरा मिला था। प्रशासन द्वारा नए आश्रम से मिली गाड़ियों व मोटरसाइकिल आदि सैकड़ों वाहनों को हिसार पुलिस लाईन में खड़ा करवा दिया गया है। रामपाल के पुराने सतलोक आश्रम में गेहूं के आटे के 80 बैग व गेहूं भी पडा है। रजाइयों की तो यहां पर वर्कशाप थी। नए आश्रम में जितनी भी रजाइयां थी वो सभी इसी आश्रम से बनकर जाती थी। इसके अलावा इस पुराने आश्रम में काफी सामान पड़ा हुआ है।
पुस्तकों से भरा है रामपाल का कमरा
इस आश्रम में रामपाल के इस सतलोक आश्रम द्वारा अपने प्रचार प्रसार के लिए प्रकाशित करायी गई पुस्तकों का भी एक पूरा कमरा भरा हुआ है। इन्ही पुस्तकों को अपनी साधिकाओं के माध्यम से रामपाल दूर दराज के प्रदेशों में वितरित कराता था और लोग इसी प्रसार के कारण अन्य प्रदेशो से रामपाल के सतलोक आश्रम में खींचे चले आते थे। ये पुस्तके निश्शुल्क वितरित की जाती थी।
रामपाल की बीस गायों पर लगी लोगों की निगाहें
रामपाल के इस पुराने आश्रम में रामपाल की 20 गायें मौजूद हैं। इन गायों का दूध साधक नए आश्रम में पहुंचाते थे। रामपाल आपरेशन के बाद इन गायों की सेवा करने वाले साधक तो रफू चक्कर हो गए अब इस आश्रम के पड़ौसी ही इन गायों की सेवा करने में जुटे हुए है। लोगों की निगाहें अब इन गायों की नीलामी पर लगी हुई है। कई लोग नीलामी के दौरान बोली पर इन गायो को खरीदने के इच्छुक है। वे लोग इन गायो की बोली का बेसब्री से इन्तजार कर रहे है।
गायों की देखभाल को दो लोगों को रखने की अनुमति मांगी
प्रशासन ने इन बीस गायों की देखभाल करने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी है। प्रशासन ने कोर्ट से यह इजाजत मांगी है कि उन्हें इन गायों की देखभाल करने के लिए दो व्यक्तियों की आवश्यकता है। प्रशासन द्वारा कोर्ट की इजाजत का इन्तजार किया जा रहा है।
रामपाल मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने रामपाल के मामले में संलिप्त एक और आरोपी गांव बधावड़ निवासी रामफल को गांव बधावड़ से ही गिरफ्तार किया है। थाना प्रभारी अनिल कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए इस आरोपी रामफल को बृहस्पतिवार को हिसार अदालत मे पेश किया जाएगा।
करौंथा आश्रम की खामियों को किया पूरा : रामपाल
रामपाल द्वारा करौंथा आश्रम में खता खाने के बाद बरवाला में जो सतलोक आश्रम बनाया गया उसमें करौंथा आश्रम में रह गयी सभी खामियों को इस सतलोक आश्रम में पूरा किया।
रामपाल ने पुलिस पूछताछ में यह राज उगला। उसने पुलिस को बताया कि हम लोग करौंथा आश्रम की उन सभी पुरानी खामियों को यहां दूर करना चाहते थे इसलिए बरवाला के सतलोक आश्रम में दो-दो व तीन-तीन दीवारों का निर्माण कर आश्रम की मजबूत किले बंदी की।
करौंथा आश्रम में आर्यसमाजी के साथ टकराव की रामपाल बरवाला में पुनरावृत्ति नहीं चाहता था इसलिए मजबूत किलेबंदी के साथ-साथ अपनी फौज तैयार की और हथियार खरीदे। इतना ही नही उसने अपने बचाव के लिए औरतों व बच्चों को ढाल बनाया और इस कार्य के लिए अलग-अलग साधकों को ड्यूटियां सौंपी गईं।
पुलिस रिमांड के दौरान रामपाल का लड़का विरेंद्र, भांजा जोगिंद्र उर्फ बिल्लू, बलजीत व मनोज ने बताया कि वे रामपाल के आदेशों की पालना करते थे। रामपाल सारी योजनाएं बनाता था और पूर्व नियोजित सभी योजनाओं को वे व अन्य कंमाड़ो उन्हें अमलीजामा पहनाते थे।
पुलिस रामपाल के लड़के विरेंद्र, भांजे जोगिन्द्र उर्फ बिल्लू, बलजीत व मनोज को रिमांड अवधि बीतने के बाद बृहस्पतिवार को हिसार अदालत में पेश किया जाएगा।
आश्रम से बोली का सामान उठाने का क्रम जारी
रामपाल के राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित सतलोक आश्रम के माल की नीलामी के बाद बोली पर माल लेने वाले बोलीदाताओं द्वारा आश्रम से माल उठाने का क्रम कई दिनों से चल रहा है। बुधवार को भी सफल बोलीदाताओं द्वारा आश्रम से अपना-अपना माल अपने साथ लायी गाड़ियों में लादकर ले गए। बुधवार को सफल बोलीदाताओं द्वारा आश्रम से 450 बैग गेहूं के आटे के और 50बैग चीनी के तथा 219 टिन देसी घी के उठाए गए।यह माल बोलीदाताओं द्वारा तहसीलदार व बीडीपीओ की मौजूदगी में आश्रम से उठाया जा रहा है।