PMO ने स्मृति इरानी को सौंपा था स्कूलों के लिए 39-प्वाइंट लिस्ट
प्रधानमंत्री के कार्यालय ने स्मृति इरानी को स्कूलों के लिए कुछ काम सौंपा था और 10 मार्च को हुई बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस बात की समीक्षा की थी।
नई दिल्ली। पूर्व मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी के पीएमओ के साथ हायर एजुकेशन का मामला केवल मंत्रालय जाने का कारण नहीं बना बल्कि प्रधानमंत्री का कार्यालय (पीएमओ) स्कूल की शिक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहा था।
पीएमओ और मानव संसाधन मंत्रालय में हायर एजुकेशन को लेकर केवल पांच मुद्दों पर ही असहमति थी। जबकि पीएमओ ने स्कूल एजुकेशन के सुधार के लिए 39 सूत्री एजेंडा मंत्रालय को सौंपा था जिसपर ईरानी को काम करना था। इसके अलावा पीएमओ की भी इस पर सख्त नजर थी।
इन प्वाइंट्स में शिक्षा स्तर में सुधार, शिक्षक प्रशिक्षण और वोकेशनल ट्रेनिंग जैसे कई प्वाइंट्स शामिल थे। इन प्वाइंट्स पर इरानी ने कितना काम करवाया, इसकी समीक्षा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 मार्च को हुई बैठक में की थी।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, हर एक प्वाइंट के लिए लक्ष्य और डेडलाइन निर्धारित किया गया था। इन 39 प्वाइंट्स के लिए जून 2016 से वित्तीय वर्ष 2017 तक की समय सीमा थी। हर प्वाइंट के लिए अलग अलग समय सीमा निर्धारित की गयी थी। लेकिन इनमें से कुछ पर तो काम ही नहीं हुआ और कुछ पर काम अभी जारी था।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में प्राइमरी और सेकेंडरी स्तर पर शिक्षा के स्तर को सुधारने जैसे मुद्दों समेत 9 प्वाइंट्स की पहचान की थी। जिन पर मंत्रालय को काम करना था। मंत्रालय को कहा गया था कि कक्षा एक से आठ तक लर्निंग गोल बनाए और उन्हें जून 2016 तक हर एक स्कूल के नोटिस बोर्ड पर लगाए। जुलाई तक सभी स्कूलों में कमजोर बच्चों की पहचान करके उन्हें सुधारने के लिए कदम उठाए जाएं।
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शिक्षकों व प्रिंसिपल के परफार्मेंस को सुधारने के लिए प्वाइंट्स की पहचान की गई थी। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छात्रों के आकलन की व्यवस्था करना। इसके साथ ही पीएमओ का फोकस ट्रेनिंग, टीचर्स की समीक्षा, अनट्रेंड टीजर्स को टेक्निकल ट्रेनिंग देने पर था। इसके साथ ही एक टीचर ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी की स्थापना भी इसमें शामिल थी।
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