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नए खतरों से मुकाबले को नई सोच व तकनीक से लैस हो फौज

देश की रक्षा सेनाओं को मुस्तैद बनाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फौज को नए खतरों से मुकाबले के लिए नई सोच और तकनीक के सहारे तैयारियां मुकम्मल करने की ताकीद की है। सीमाओं पर पाकिस्तानी दुस्साहस और चीनी दादागीरी की हालिया घटनाओं के बीच पहली बार देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व से सीधे संवाद में पीएम ने कहा कि पारंपरिक युद्ध की संभावनाएं भले न हों, लेकिन किसी के व्यवहार को नियंत्रित करने और निवारक शक्ति के तौर पर ताकत का इस्तेमाल अहम औजार बना रहेगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 18 Oct 2014 01:21 AM (IST)Updated: Fri, 17 Oct 2014 08:18 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश की रक्षा सेनाओं को मुस्तैद बनाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फौज को नए खतरों से मुकाबले के लिए नई सोच और तकनीक के सहारे तैयारियां मुकम्मल करने की ताकीद की है। सीमाओं पर पाकिस्तानी दुस्साहस और चीनी दादागीरी की हालिया घटनाओं के बीच पहली बार देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व से सीधे संवाद में पीएम ने कहा कि पारंपरिक युद्ध की संभावनाएं भले न हों, लेकिन किसी के व्यवहार को नियंत्रित करने और निवारक शक्ति के तौर पर ताकत का इस्तेमाल अहम औजार बना रहेगा। मोदी ने जवान से लेकर जनरल तक नई तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया।

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प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पहली बार तीनों सेनाओं के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने सैन्य बलों को आर्थिक, कूटनीतिक व सुरक्षा जरूरतों के लिहाज से अपेक्षित और अनपेक्षित खतरों से निपटने के लिए इंतजाम मुकम्मल करने को कहा। उन्होंने जोर दिया कि तात्कालिक चुनौतियों के साथ ही देश को अनपेक्षित खतरों से मुकाबले को भी तैयार रहना चाहिए। यह समझना होगा कि हालात तेजी से बदलेंगे, तकनीक बदलेगी और इससे प्रतिक्रिया की चुनौतियां भी बढ़ेंगी।

देश की रणनीतिक जरूरतों के मद्देनजर साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष कमान बनाने की काफी वक्त से लटकी योजना पर रफ्तार बढ़ाने का संकेत देते हुए पीएम ने कहा कि साइबर क्षेत्र में दबदबा जरूरी है। साथ ही अंतरिक्ष से खतरों से निपटने की तैयारी भी जल-थल-आकाश जितनी ही जरूरी है।

डिजिटल बने फौज

देश में सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक इ्स्तेमाल बढ़ाने वाली डिजिटल इंडिया योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सेनाओं को भी डिजिटल देखना चाहते हैं। बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक करीब 40 मिनट के भाषण में पीएम ने जवान से लेकर जनरल के स्तर तक तकनीक के इस्तेमाल पर भी खासा जोर दिया। उनका कहना था कि नए वक्त की चुनौतियों से मुकाबले को जरूरी है कि सेनाओं में विभिन्न स्तर पर नई तकनीक का प्रयोग बढ़े।

पाक को करारा जवाब पर शाबासी

सैन्य कमांडरों की बैठक में रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बीते दिनों पाकिस्तानी सेनाओं की अकारण गोलीबारी पर भारतीय जवानों की ओर से दिए गए मुंहतोड़ जवाब की सराहना की। जेटली ने कहा कि पाक सरकारी नीति के तौर पर आतंकवाद का इस्तेमाल करता रहा है।

दो दशकों में सीमा पार से चल रहे आतंकवाद का भी भारतीय सुरक्षा बलों ने बखूबी जवाब दिया है। उन्होंने सेनाओं की लंबित आधुनिकीकरण योजनाओं पर फैसले के लिए हर माह रक्षा खरीद परिषद की बैठक बुलाने का वादा किया। बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अलावा रक्षा तंत्र से जुड़े आला अधिकारी मौजूद थे।

दिल्ली से बाहर भी निकलें

सैन्य नेतृत्व को स्थापित सोच से बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित करते हुए प्रधानमंत्री ने सेना कमांडरों को बैठकों के लिए राजधानी दिल्ली की बजाए किसी युद्धपोत या वायुसेना ठिकाने जैसे स्थानों को चुनने की भी नसीहत दी। तीनों सेनाओं के तालमेल पर जोर देते हुए कहा कि संसाधनों के इस्तेमाल में साझेदारी जरूरी है। उल्लेखनीय है कि सैन्य तालमेल एक समस्या बना हुआ है, जिसके कारण बीते कुछ वर्षो में थलसेना और वायुसेना के बीच हेलीकॉप्टर खरीद को लेकर खींचतान जैसे मामले उठते रहे हैं। बैठक में उच्च रक्षा प्रबंधन के लिए तीनों सेना प्रमुखों की समिति का स्थायी प्रमुख बनाने जैसे कदम पर भी बात हुई।

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